राजनैतिक दबाव में आईएएस अष्ठाना:अतिक्रमण मुहिम फुस्स

शिवपुरी। बीतेे कुछ दिनों पहले ही पोहरी एसडीएम के रूप में पदस्थ आईएएस अष्ठाना की दंबग कार्यप्रणाली के चलते पोहरी के अतिक्रमण कारियों में हडक़ंप की स्थिति निर्मित हो गई थी। पोहरी एसडीएम लगातार अतिक्रमण कारियों पर कार्यवाही करने के लिए नोटिस जारी करते रहे। बीते रोज तो एसडीएम ने अतिक्रमण कारियों को एनाउंसमेंट कराकर अपने अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी। लेकिन आज यह मुहिम राजनैतिक दबाब के चलते फुस्स हो गई और महज प्रशासन ने नालियों के आसपास का अतिक्रमण हटाकर खाना पूर्ति कर ली।

पोहरी कस्बे में कल रात तक प्रशासन द्वारा सडक़ किनारे बने स्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ था। पटवारी और आरआर्ई की निगरानी में रोड़ की नापतौल भी हो गई थी और यह ऐलान किया गया था कि रोड़ सेंटर से 35 फिट के दायरे में आ रहे अतिक्रमण या तो अतिक्रामक स्वयं हटा देें या प्रशासन द्वारा हिटैची की मदद से हटा दिया जाएगा, लेकिन एक ही रात में न जाने क्या हुआ और प्रशासन ने स्थाई अतिक्रमण हटाने से पल्ला झाड़ लिया। आज एसडीएम और तहसीलदार की उपस्थिति में पूरे ताम झाम के साथ अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू तो हुआ, लेकिन सडक़ से अस्थाई अतिक्रमण ही साफ किए गए। 

पोहरी में अतिक्रमण हटाने की आहट करीब 1 माह  से महसूस की जा रही थी। नवोदित एसडीएम अंकित अष्ठाना आईएएस के पदभार ग्रहण से पोहरी की जनता को आस बंधी थी कि अतिक्रमण से उन्हें छुटकारा मिलेगा और सडक़ें चौड़ी होंगी। 

इस बाबत शिवपुरी और श्योपुर रोड़ की नापतौल भी कर ली गई थी तथा यह तय किया गया था कि रोड़ सेंटर से 35 फिट के भीतर दोनों ओर आने वाले निर्माण कार्य अतिक्रमण की श्रेणी में माने जायेगे। इस माप दण्ड से कई मकान और दुकान अतिक्रमण की जद में आ रहे थे। कल रात प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की योजना को अमली जामा पहना दिया था।

यह संकेत मिले थे कि हिटैची और भारी पुलिस बल की उपस्थिति में कल से अतिक्रमण साफ किए जायेंगे आज प्रशासन ने निर्धारित कार्यक्रम अनुसार अतिक्रमण हटाने का कार्य तो शुरू किया लेकिन पोहरी वासी आश्चर्य चकित हुए जब प्रशास ने स्थाई अतिक्रमण हटाने से पल्ला झाड़ लिया। सडक़ किनारे अस्थाई अतिक्रमण बैनर और पोस्टर हटाए गए। चबूतरों को साफ किया गया, लेकिन दुकानों और मकानों को नहीं छेड़ा गया। समाचार लिखे जाने तक शिवपुरी रोड़ पर अस्थाई अतिक्रमण हटाने की कार्र्रवाई जारी थी।

ऐसे में लोगो ने प्रशासन द्वारा सांठ-गांठ करने की बात कही है। वही स्थानीय जनप्रतिनिधियो के दबाब में प्रशासान करवाई करने से कतरा रहा है। बिगत 20 दिनों से प्रशासन द्वारा कई बार लोगो को नोटिस दिए और कहा पक्के अतिक्रमण हटा ले वही प्रशाशन का कल तक रुख था कि पोहरी अतिक्रमण की चपेट से मुक्त हो जाये लेकिन एक ही रात में प्रशाशन की करवाई बदल गई । इससे साफ  जाहिर होता है कि या तो प्रशाशन ने राजनीतिक दबाब में कार्य किया है या फिर लोगो से साठ गाँठ कर ली है। आज भी पोहरी अतिक्रमण का दंश न जाने कब तक झेलता रहेगा।