डीपीसी कौन होते है महिलाओं की चैकिंग करने वाले: महिला आयोग

शिवपुरी। जिले में पिछले तीन दिन के सबसे चर्चित रहे मामले में डीपीसी शिरोमणि दुवे द्वारा बस को रोककर महिला शिक्षकों की चैकिंग के मामले को महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने गंभीरता से लेते हुए मीडिय़ा से कहा कि डीपीसी कौन होता है महिलाओं की चैकिंग करने बाला।

आज शिवपुरी के सर्किट हाउस में आई महिला आयोग की अध्यक्ष लता बानखेड़े के समक्ष जिले की मीडिया ने सवाल रखा कि शिवपुरी में डीपीसी शिरोमणि दुबे द्वारा रास्ते में बस रोककर महिला शिक्षिकाओं की परेड कराई गई और उनसे पूछताछ की गई। इस पर श्रीमती वानखेड़े भडक़ उठीं और उनका कहना था कि डीपीसी कौन होते हैं महिलाओं की चैकिंग करने वाले। उन्होंने मीडिया से पूछा कि इस संबंध में कुछ महिला शिक्षिकाएं मेरे पास आ सकती हैं तो मीडिया ने उन्हें बताया कि नौकरी के डर से शायद महिलाएं न आ पाएं जिस पर उन्होंने मीडिया को आश्वस्त किया कि मीडिया द्वारा संज्ञान में लाए जाने के चलते ही मैं मामले को संज्ञान में लेती हूं और अभी डीपीसी को तलब करती हूं। 

तुरंत डीपीसी को तलव किया तो तीन घण्टे बाद डीपीसी सक्रिट हाउस पहॅुच सके। उसके बाद डीपीसी ने महिला आयोग की अध्यक्ष को गुमराह करते हुए अपने आप को बेगुनाह बताया और कहा कि मेने बस रास्ते में नहीं रोकी बस स्टेण्ड पर ही रूकी थी। साथ ही कहा कि अगर कोई सबूत में वीडियो दिखाये तो में अभी इस्तीफा देने तैयार हॅू।

अब इन्हे कौन समझाये की इस घटनाक्रम में टीचरों के साथ अभद्रता की गई है। जो शिक्षका अपने अधिकारी के सामने आंख नहीं उठा सकती वह इस घटनाक्रम की वीडियोग्राफी कैसे कर सकती है। डीपीसी शिरोमणि दुबे ने इस पूरे घटनाक्रम में अध्यक्ष के सामने मीडिया को दोषी ठहराया।

साथ ही डीपीसी ने सफाई देते हुए फिर कहा कि यहॉ के शिक्षक आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है इस बात की शिकायत प्रभारी मंत्री से भी कर चुके है। इस पूरे घटनाक्रम में डीपीसी शिरोमणि दुवे आरएसएस की दुहाई देते रहे और बड़े मार्मिक ठंग से महिला आयोग की अध्यक्ष को पूरेे घटनाक्रम में अपने आप को साफ बताया।