घोटालों की नपा: अब गंदी नाली को भी नहीं छोड़ा, हुआ टेंडर घोटाला

शिवपुरी। नए-नए घोटालों के लिए चर्चित नगर पालिका शिवपुरी में अब 18 वार्डों में नाली मरम्मत के फर्जी कार्य के बहाने 17 लाख रूपए का नया घोटाला सामने आया है। इसमें नियम कायदे और कानूनों की धज्जियां उड़ार्ई गर्ई है। लगातार नपा में हो रहे टेंडर घोटालों को लेकर अगर नगरपालिका को घोटालो की नपा कहे तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। 

25 हजार रूपए से अधिक के इस कार्र्य हेतु कोर्ई टेंडर विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं की गर्ई तथा मात्र कुटेशन सूचना के आधार पर 15 दिन के स्थान पर मात्र 7 दिन के भीतर टेंडर दरें आमंत्रित कर चहेतो को उपकृत किया गया है।

चौकाने वाली बात यह है कि इस पूरी 17 लाख रूपए की राशि को 100 प्रतिशत हड़पने की योजना है। क्योंकि किसी भी वार्ड में कोर्ई नाली मर मत का कार्र्य नहीं होना है। यहां तक कि संबंधित क्लकों के पास भी उक्त कुटेशन से संबंधित कोर्ई फाईल अ ाी तक नहीं बनी है। संबंधित सब इंजीनियरों ने भी इससे पल्ला झाडक़र कहा है कि उन्हें इस कुटेशन सूचना के बारे में कोर्ई जानकारी नहीं है। नगर पालिका में 25 हजार रूपए तक के कार्य कुटेशन सूचना से करने के प्रावधान है।

जिसके तहत नगर पालिका के सहज सुलभ स्थान पर कुटेशन सूचना चस्पा दी जाती है और इसमें कुटेशन दरें डालने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है जबकि इससे अधिक के कार्र्य पर अर्र्थात एक लाख रूपए तक के कार्र्य पर टेंडर विज्ञप्ति समाचार पत्रों में प्रकाशित कर टेंडर दरें नगर पालिका कार्र्यालय में आमंत्रित की जाती है। इससे  अधिक के कार्र्य हेतु ऑन लार्ईन टेंडर की प्रक्रिया निर्र्धारित है। 

लेकिन सीएमओ छुट्टी पर थे उस दौरान 18 वार्डों में नाली मरम्मत और विभिन्न स्थानों पर स्लोप निर्माण हेतु 94 हजार रूपए से लेकर 98 हजार रूपए अनुमानित लागत की कुटेशन सूचना प्रकाशित कर दी गर्ई। इसमें तीन टेंडर लेकर कार्य दिए जाने का प्रावधान हैं। पूरी योजना बद्ध ढंग से इस योजना को अमलीजामा पहनाया गया और किसी को इस कुटेशन सूचना के बारे में कानों कान भी खबर नहीं दी गर्ई। 

कुटेशन सूचना 10 अक्टूबर 2016 को निकाली गर्ई और दरें 17 अक्टूबर तक आमंत्रित की गर्ई। इस घपलेबाजी की किसी को खबर भी नहीं होती, लेकिन जिस एक फर्म को भी फर्जी काम में से कुछ कार्य मिलना था। जब उसे कार्य नहीं मिला तो उसने इस कुटेशन सूचना को उजागर कर दिया। इससे नगर पालिका के एक बड़े घपले की कलर्ई खुल गर्ई। 

यह देखकर नपा प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। देखते ही देखते उक्त कार्य की फाईलें गायब कर दी गर्ई। जिससे यह पता नहीं चला कि कुटेशन किसे आवंटित किए गए। निर्र्माण शाखा के संबंधित क्लर्क संजय गुप्ता और जितेन्द्र श्रीवास्तव से जब फाईलों के बारे में जानकारी ली गर्ई तो उन्होंने अनभिज्ञता व्यक्त की वहीं संबधित सबइंजीनियर हरिओम राठौर और जेपी परिहार का भी कहना है कि उन्हें इस संबंध में कुछ मालूम नहीं है। सूत्रों के अनुसार यह घोटाला उस समय अंजाम दिया गया जब सीएमओ छुट्टी पर थे और सीएमओ का प्रभार स्वास्थ्य अधिकारी गोविन्द भार्गव के पास था। 

नपाध्यक्ष कुशवाह ने मामले से पल्ला झाड़ा
नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि आपने मेरे संज्ञान में यह मामला लाया है। मै अभी इसके बारे में फाईल दिखवाता हूूं।  

जबकि नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा का कहना है कि यदि ऐसा हुआ है तो वह सरासर अवैधानिक हैं और मैं इस मामले में कार्रवाई की अनुशंसा कर इसकी जानकारी स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दूंगा। 

भ्रष्टाचार में नेता पुत्र की भागीदारी की चर्चा
नगर पालिका के इस भ्रष्टाचार में सूत्रों के अनुसार एक नेता पुत्र की भागीदारी की चर्चा है जिनके इशारे पर इस घोटाले को अंजाम देने का ताना बाना बुना गया। यह कार्र्य तब किया गया जब सीएमओ छुट्टी पर थे और उनके स्थान पर प्रभारी सीएमओ के रूप में नपा स्वास्थ्य अधिकारी गोविन्द भार्गव के हस्ताक्षर कुटेशन सूचना पर हैं। श्री भार्गव का कहना है कि उन्होंने हस्ताक्षर यदि किए होंगे तो सबइंजीनियर की रिपोर्ट के आधार पर किए होंगे। 

उन्होंने कहा कि मैं भी इस मामले की फाईल दिखवता हूं। जब उनसे कहा गया कि इसकी फाईलें नहीं मिल रहीं तो उन्होंने कहा कि ऐसा होता हैं क्या? श्री भार्र्गव का कहना है कि वार्ड क्रमांक 1 से 10 के सबइंजीनियर हरिओम राठौर और 11 से 20 वार्ड के सबइंजीनियर जेपी परिहार हैं। जबकि दोनों सबइंजीनियर ने कहा है कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। विदित हो कि उक्त दोनों सबइंजीनियर सर्वशिक्षा अभियान से प्रतिनियुक्ति पर आए हैं तथा नगर पालिका के नियमित सबइंजीनियर नहीं है। 

मजे की बात तो यह है कि नगर पालिका में 8 सबइंजीनियर होने के बाद भी सर्बशिक्षा अभियान के प्रतिनियुक्ति पर आए सब इंजीनियर नपा में जमे हैं। जिन्हें कायदे और कानूनों की जानकारी नहीं है। 

इनका कहना है
मीडिया के माध्यम से यह मामला मेरे संज्ञान में आया है और मैं इसके बारे में जानकारी हांसिल करूंगा औैर यदि इस कार्र्य में कोर्ई अवैधानिकता पार्ई गई तो कार्रवार्ई की जाएगी। पहले से ही मेरे निर्देश पर नगर पालिका के कथित घोटालों की जांच एडीएम द्वारा की जा रही है और इसके साथ ही इसकी भी जांच हो जाएगी। अभी मैं बाहर हूं लौटकर आने पर कार्र्रवार्ई करूंगा। 
ओपी श्रीवास्तव 
कलेक्टर शिवपुरी