मुन्नालाल फिर संकट में, फर्जी प्लॉट बेचने के मामले में मामला दर्ज करने की मांग

शिवपुरी। बीपीएल राशन कार्ड मामले में नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के खिलाफ आरटीआई लगाने वाले भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के अध्यक्ष अशोक सम्राट ने आज पत्रकार वार्ता बुलाकर एक नए मामले का खुलासा किया है। 

अशोक  सम्राट ने 25 साल पुराना मामला खंगाल कर मुन्नालाल के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि मुन्नालाल ने 25 साल पहले 28 अप्रैल सन् 1990 में चार-चार हजार रूपए कीमत के एक-एक हजार वर्ग  फिट के तीन प्लाट कुल 12 हजार रूपए में श्रीमती मेहरूनिशा खांन को बेचा था। 

लेकिन 25 साल बाद जब श्रीमती खांन ने नामांतरण के लिए तहसीलदार को रजिस्ट्री सौंपी तो स्पष्ट हुआ कि विक्रेतागण के नाम कोई भूमि नहीं है। श्री सम्राट ने पत्रकार वार्ता में श्रीमती खांन के पति को पेश किया। 

पत्रकार वार्ता में बताया गया कि मुन्नालाल कुशवाह ने प्लाटों की रजिस्ट्री पावर ऑफ अर्टोनी की हैसियत से की थी उक्त जमीन बादामीलाल रावत और मुरारीलाल रावत के नाम बताई गई थी। उक्त भूमि सर्वे न बर 1484 रकबा 2 बीघा आठ विश्वा जिसका नवीन सर्वे न बर 2224 ग्राम सिंहनिवास के भाग की है। 

श्री सम्राट से जब पूछा गया कि 25 साल बाद क्रेता ने जमीन का नामांतरण क्यों कराया तो उनका तर्क था कि इस आधार पर क्रेता के अधिकार प्रभावित नहीं होते। पत्रकार वार्ता में रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर करने वाले दो गवाहों को भी अशोक सम्राट ने आरोपी घोषित किया।