कांग्रेस में सर्जरी शुरू, प्रवक्ताओं के अलावा महिला कांग्रेस संगठन में भी बदलाव

शिवपुरी। लोकसभा चुनाव में शिवपुरी और गुना विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विरोध में आश्चर्यजनक परिणामों के बाद संगठन में सर्जरी की अटकलें लगाई जा रही थीं।

पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने इस्तीफे के पेशकश की थी। श्री सिंधिया को दोनों विधानसभा क्षेत्रों में विकास के बावजूद पराजय का सामना क्यों करना पड़ा? इसके आंकलन हेतु कांग्रेस नेता मोहन सिंह राठौड़ को शिवपुरी भेजा गया था और अब सूत्र बताते हैं कि उनकी रिपोर्ट को आधार मानकर कांग्रेस में सर्जरी शुरू हो गई है।

जिला कांग्रेस ने प्रवक्ता पद से रामकुमार शर्मा की छुट्टी कर दी है। वहीं महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष माण्डवी चौहान ने जिलाध्यक्ष पद से नीलू शुक्ला को हटाकर श्रीमती पूनम कुलश्रेष्ठ की नियुक्ति की है। प्रवक्ता पद पर रामकुमार शर्मा तथा अनिल उत्साही के स्थान पर हरवीर सिंह रघुवंशी और राजेश बिहारी पाठक को नया प्रवक्ता बनाया गया है।

संकेत मिल रहे हैं कि अब शीघ्र ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश करने वाले राकेश जैन आमोल को हटाया जा सकता है। वहीं कुछ पार्षदों पर भी गाज गिर सकती है।

चुनाव में शिवपुरी गुना संसदीय क्षेत्र से भले ही कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लगभग सवा लाख मतों से विजयी हुए हों, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से श्री सिंधिया को गुना के साथ-साथ शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में पराजय का सामना करना पड़ा था।

शिवपुरी शहर में तो श्री सिंधिया भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया से लगभग 14 हजार मतों से पीछे रहे थे।  यह पहली बार हुआ था कि जब शहरी क्षेत्र में महल को पराजय का सामना करना पड़ा था। वह भी उस स्थिति में जबकि श्री सिंधिया की विकास योजनाओं का अधिकांश लाभ शिवपुरी शहर को मिला है।

फिर आखिर सिंधिया की पराजय क्यों हुई? इसके आंकलन हेतु सबसे पहले प्रभारी रमेश अग्रवाल को हटाकर ग्वालियर ग्रामीण कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ को प्रभारी बनाकर शिवपुरी भेजा गया। जहां उन्होंने हार के कारण तलाशने हेतु कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आमजन से चर्चा की।

इससे वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हार के लिए पार्टी का स्थानीय संगठन जि मेदार है जो न तो सिंधिया की विकास योजनाओं को आमजन तक पहुंचा पाया और न ही सिंधिया के पक्ष में मजबूती से जनता के बीच जाकर प्रचार कर पाया। यही कारण रहा कि शिवपुरी के 39 वार्डों में से अधिकांश वार्डों में भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया भारी मतों से आगे रहे।

जिन गिनेचुने वार्डों में सिंधिया को बढ़त मिली वे मुस्लिम बाहुल्य वार्ड थे। सूत्र बताते हैं कि पार्टी आला कमान ने बदलाव हेतु जिला कांग्रेस को विश्वास में लिया और उसी की सिफारिश को मानकर रामकुमार शर्मा तथा नीलू शुक्ला को पद से हटाया गया। जिला कांग्रेस में सिंधिया के निकटस्थ सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी की तूती बोलती है और उनका प्रभाव कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से अधिक है।

सर्जरी के असर से नगरपालिका के कई पार्षद प्रभावित होंगे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। जिन कांग्रेसी पार्षदों के वार्डों से श्री सिंधिया की पराजय हुई है उन पर तथा उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

पार्टी आला कमान कतिपय पार्षदों की भूमिका को लेकर भी काफी खिन्न हैं। सूत्र बताते हैं कि इस बार टिकट की दौड़ में संदिग्ध भूमिका वाले पार्षद पिछड़ सकते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सर्जरी की शुरूआत हो गई है, लेकिन एक-एक कर उन नेताओं को हटाया जाएगा।

जिनकी भूमिका लोकसभा चुनाव में या तो संदिग्ध रही है या वह निष्क्रिय रहे हैं। उनसे पूछा गया कि व्यापक पैमाने पर एक साथ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही तो उनका जवाब था पार्टी हाईकमान सचेत है। ताकि बगावत का झण्डा बुलंद न हो जाए।