शिवपुरी। हमेशा सुर्खियों में रहने वाला प्रदेशभर में मॉडल का खिताब पा चुके जिला चिकित्सालय के कारनामे आए दिन चर्चा में रहते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण आज सुबह जिला चिकित्सालय के मेडीकल वार्ड में देखने को मिला। जहां एक नर्स ने मरीज का पर्चा इसलिए गायब कर दिया, क्योंकि उक्त मरीज के परिजनों ने नर्स की शिकायत ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से कर दी थी।
जो नर्स को नगवार गुजरी और उसने मरीज का भर्ती पर्चा और उसके साथ संलग्र जांच रिपोर्टें वहां से गायब कर दीं। जिस कारण मरीज का इलाज नहीं हो सका और बाद में परिजनों और नर्स के बीच मुंहवाद भी हो गया। लेकिन मरीज की बिगड़ती हालत को देखकर परिजन किसी विवाद में न पड़ते हुए मरीज को लेकर निजी अस्पताल चले गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार छोटा लोहारपुरा पुरानी शिवपुरी की रहने वाली नूरजहां पत्नी मकबूल खां बीते 13 सित बर को उल्टी दस्त की शिकायत होने के बाद अस्पताल पहुंची। उनके साथ उनका भतीजा इमरान खान भी था। जहां डॉक्टरों ने उनका स्वास्थ्य परिक्षण कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया और उनके भर्ती पर्चे सहित जांच रिपोर्टें भी वहां जमा कर दीं। रात्रि में जब नूरजहां को ड्रिप लगाई जा रही थी। उसी समय उन्हें घबराहट हुई। जिस पर उनके भतीजे इमरान ने इलाज कर रही नर्स प्राची से उनका बीपी चैक करने के लिए कहा। लेकिन नर्स ने बीपी चैक करने का इंस्टूमेंट उपलब्ध न होने की बात कही। जिस पर इमरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के पास पहुंचा तो डॉक्टर अपना इंस्टूमेंट लेकर वहां पहुंचे और उन्होंने नर्स को फटकार लगा दी।
इमरान ने बताया कि उस समय डॉक्टर ने नर्स को बीपी इंस्टूमेंट न होने पर जवाब तलब किया। जिससे नर्स इमरान से खिन्न हो गई। रात में यह बात आई गई हो गई। सुबह जब डॉ. पीएल गुप्ता वार्ड भ्रमण पर पहुंचे। जहां उन्होंने नूरजहां की हालत को देखा और उनके पर्चे देखकर उन पर कुछ दवाईयां लिख दीं। डॉक्टर के जाने के कुछ समय बाद जब इमरान ने नर्स से पर्चा मांगा तो नर्स ने उसे जवाब दिया कि उसका पर्चा उसके पास नहीं है। वह वापिस दे दिया गया था। लेकिन इमरान ने पर्चा अस्पताल में जमा होने की बात कही। जिससे नर्स प्राची उस पर बिफर गई। इसके बाद दोनों के बीच मुंहवाद हो गया। इधर नूरजहां की हालत भी खराब होने लगी।
जिस पर इमरान ने अन्य डॉक्टरों के पास पहुंचकर अपनी ताई का इलाज करने के लिए कहा तो डॉक्टरों ने बिना पर्चे के इलाज करने से इनकार कर दिया। अपने मरीज की हालत बिगड़ती देख इमरान उन्हें जिला अस्पताल से निकालकर निजी अस्पताल ले गया। जहां उनका इलाज हो सका। इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए सीएमएचओ सहित सिविल सर्जन और डॉ. पीएल गुप्ता के मोबाइल पर संपर्क साधा गया तो सिविल सर्जन और मेडीकल प्रभारी डॉ. पीएल गुप्ता के मोबाइल बंद थे वहीं सीएमएचओ ने मोबाइल रिसीव नहीं किया।
इनका कहना है-
* मेडीकल वार्ड के प्रभारी डॉ. पीएल गुप्ता हैं अगर ऐसी कोई समस्या है तो आप उनसे बात कीजिए। रही बात नर्स की तो अगर मरीज के परिजन मुझे लिखित शिकायत करेंगे तो मैं जांच कराकर दोषी के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई करूंगा।
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