परनिंदा और झूठ तजकर उत्तम सत्यधर्म पालें: आचार्य सौभाग्य सागर

शिवपुरी। पर्युषण पर्व के दौरान हम दस दिनों तक जिन धर्मों की आराधना करते हैं उनमें अष्टïमी का दिन उत्तम सत्य धर्म का दिन होता है जो हमें दूसरों की निंदा और झूठ न बोलना सिखाता है। यदि हम दूसरों की बुराई और झूठ के सहारे अपना जीवन यापन करते रहे तो इससे न केवल हम गर्त में जाते जाएंगे वरन् कभी भी हमारा कल्याण होने वाला नहीं है। आत्मकल्याण के लिए उत्तम सत्य धर्म का आसरा लेना आवश्यक है। यह विचार छत्री जैन मंदिर पर रविवार को उत्तम सत्य धर्म पर प्रवचन करते हुए जैनाचार्य सौभाग्य सागर महाराज ने व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि झूठ बोलने वाले व्यक्ति को अपना सच छिपाने के लिए कई तरह के झूठ बोलने पड़ते हैं और उससे जब पूछा जाए कि उसने कौन-कौन से झूठ सच छुपाने के लिए बोले हैं तो क्रम से वह बता भी नहीं सकेगा, ऐसे में झूठ बोलकर हम कुगति के ही पात्र बनेंगे, सुगति के नहीं। यदि हमें कुगति अर्थात् नरक और तिर्यंच गति पानी है तो हम झूठ का सहारा लें और लोगों से छल-कपट करते रहें। दुर्गति में जाने से आपको तब कोई नहीं बचा सकेंगा और यदि जीवन को श्रेष्ठ बनाना है और आध्यात्म मार्ग की राह पर चलना है तो आपको उत्तम सत्य धर्म को अंगीकार करना ही पड़ेगा। धर्मसभा के पूर्व मुनि सुरत्न सागर महाराज एवं आर्यिका भाग्यमति माताजी ने भी धर्मसभा को संबोधित किया और उत्तम सत्य धर्म पर विस्तार से प्रवचन दिए। रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान दिगंबर जैन यूथ क्लब के बैनर तले भगवान महावीर के बाल्यकाल की जीवन झांकी का शानदार प्रदर्शन कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया जिसे सभी ने जमकर सराहा।

अनुष्ठान पत्रिका का हुआ विमोचन


कार्यक्रम के दौरान 2 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक गांधी पार्क मैदान में आयोजित होने वाले महामृत्युंजय विधान अनुष्ठान की आमंत्रण पत्रिका का विमोचन एडीएम डीके जैन और उनकी धर्मपत्नी के साथ छत्री जैन मंदिर ट्रस्ट कमेटी के उपाध्यक्ष राजकुमार जैन जड़ीबूटी और महामंत्री प्रकाश जैन द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी भी आयोजकों द्वारा मंच से सामाजिक बंधुओं को प्रदान की गई।