कैसे मनाऐंगे महेन्द्र सिंह सिंधियानिष्ठों को!

शिवपुरी। जिस प्रकार देशभक्त देशभक्ति के लिए समर्पित होकर कार्य करता है और यदि वह अपने किसी कार्य में देश से गदद्दारी करता है तो उसे देशभक्त नहीं देशद्रोह कहा जाता है। ठीक इसी प्रकार से सिंधिया खेमे के सभी कांग्रेसी सिंधियानिष्ठ होते है लेकिन बदलते जमाने में अपनी उपेक्षा से त्रस्त कुछ कांग्रेसियों ने अपना रूख बदलकर पाला बदल लिया है।


ऐसे कांग्रेसियों को सही रास्ते पर लाने का कार्य इन दिनों कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ पार्टी नेता कर रहे है लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिल पाई है अब देखते है कि आने वाली 3 अगस्त को जब पूर्व मंत्री एवं विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा शिवपुरी आ रहे है तो कैसे वह सिंधियानिष्ठों को मनाऐंगे। यहां भी सिंधियानिष्ठों में सिंधियाद्रोह जैसी स्थिति निर्मित होती नजर आ रही है ऐसे में अब यह देखना होगा कि कैसे श्री कालूखेड़ा अपनी कारगर नीति से इन कांग्रेसियों को मनाऐंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा?

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेेता एवं पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा आगामी 3 अगस्त को एक दिवसीय प्रवास पर शिवपुरी पधार रहे है। कांग्रेस पार्टी के जिला उपाध्यक्ष व प्रवक्ता रामकुमार शर्मा ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व मंत्री एवं विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा एक दिवसीय प्रवास पर शिवपुरी आ रहे है। श्री कालूखेड़ा यहां 3 अगस्त को प्रात: ग्वालियर से चलकर शिवपुरी आऐंगे और कार्यकर्ताओं से स्थानीय सर्किट हाउस में सौजन्य भेट करेंगे। इस अवसर पर श्री कालूखेड़ा का कांग्रेसजनों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा। 
 
कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव, उपाध्यक्ष रामकुमार शर्मा, विधानसभा युवक कांग्रेस शिवपुरी अध्यक्ष जीतू रघुवंशी, सेवादल अध्यक्ष मुन्ना लाल कुशवाह, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती नीलू शुक्ला, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अरविन्द रावत सहित समस्त कांग्रेसजनों ने पार्टी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं से पूर्व मंत्री एवं विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा के भव्य स्वागत की अपील की है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा का भव्य स्वागत व भोजन के आयोजन की भी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि फिजीकल क्षेत्र में निवासरत एक कांग्रेसी नेता शैलेन्द्र टेडिय़ा द्वारा श्री कालूखेड़ा के आगमन पर कांग्रेसजनों का भोज का आयोजन किया जा रहा है। यहां इस भोज का यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां कांग्रेसियों के मन-मुटाव को मिटाने का भरसक प्रयास किया जाएगा।
 
 यही कारण हैकि दो धड़े में बंटने वाली कांग्रेस को अब एक करने के लिए आए दिन नेता व विधायक शिवपुरी का चक्कर लगाने से परहेज नहीं करते है। चूंकि स्वयं गुना-शिवपुरी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भरे मंच से गुना में कुछ कांग्रेसियों को साफ संकेत दे दिए थे कि माला पहनाने और स्वागत करने से कांग्रेस सरकार में नहीं आएगी बल्कि पार्टी को जिताओगो तो हमारी मजबूती और आपकी मेहनत सार्थक नजर आएगी। यह वक्तव्य उस समय दिए गए थे जब श्री सिंधिया झांसी-बान्द्रा रेल को लेकर शिवपुरी होते हुए गुना पहुंचे थे जहां गुना के कुछ कांग्रेसी श्री सिंधिया का स्वागत करने की चाह रखे थे लेकिन इन्हीं कांग्रेसियों को श्री सिंधिया के मुंह की खानी पड़ी। यहां बता दें कि जिस क्षेत्र के कांग्रेसी स्वागत करने आए तो वहां कांग्रेस की गति काफी धीमी है।

क्या असंतुष्टों का मना पायेंगे कालूखेड़ा?

दो धड़े में बंटने वाली कांग्रेस पार्टी के बड़े-बड़े कर्ताधर्ता भले ही भरे मंचों से यह स्वीकारने में परहेज करें कि पार्टी में कोई भेदभाव अथवा गिला शिकवा नहीं है लेकिन आए दिन होने वाले कार्यक्रमों में व बड़े-बड़े आयोजनों में कुछ ऐसे कांग्रेसी इन कार्यक्रमों से दूरी बना लेते है कि पार्टी की छवि स्वयं ही नजर आ जाती है। बीते कुछ समय पूर्व की ही बात की जाए तो यहां कांग्रेस पार्टी के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण धाकड़ हो चाहे शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता अथवा पूर्व सांसद प्रतिनिधि विजय शर्मा ये सभी कांग्रेस के वे प्रतिनिधि है जिन्होंने पार्टी के लिए समर्पित रहकर कार्य किया लेकिन आखिरकार इन्हें इनकी मेहनत का परिणाम क्या मिला? यह सोचकर स्वत: ही आभास होता कि पार्टी का कुठाराघात इन पर कितना भारी पड़ा।
 
 खैर इन कांग्रेसियों को मनाने आए सिंधिया समर्थित सुर्खी विधायक गोविन्द सिंह राजपूत जब यहां से भितरघात को मिटाने में असफल नजर आए तो अब संभावनाऐं पूर्व मंत्री एवं विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा पर लगती नजर आ रही है। यह देखना होगा कि क्या आने वाले समय में 3 अगस्त को शिवपुरी प्रवास के दौरान महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा इन कांग्रेसियों को मना पाऐंगे। चूंकि यह तो भविष्य के गर्त में छिपा है फिर भी अंदाजा लगाया जा रहा हँै कि यहां कांग्रेस के रूठे हुए नेताओं को मनाने की कवायद कुछ ज्यादा ही नजर आएगी।

चुनावी ताने-बाने के बनेंगे आसार

देखा जाए तो कंाग्रेस पार्टी में प्रदेश भर में जिस प्रकार से औंधे मुंह चारों खाने चित्त हो रही है उससे आभास होता है कि अब कांग्रेस पार्टी को एकत्रित किया जाए। यदि समय रहते ऐसा नहीं किया गया तो आगामी समय में कांग्रेस की बयां स्थिति को देखते हुए इन दिनों शिवपुरी में भी कांग्रेस के बड़े कद्दावर नेता अपना डेरा जमाकर यहां कांग्रेसियों के मन-मुटाव को मनाने में लगे हुए है। 
 
जहां गोविन्द सिंह राजपूत खाली हाथ लौटकर गए है तो अब महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा से पार्टी को आशा है कि वह शिवपुरी में गुटों में बंटी कांग्रेस को एक मंच पर लाने का एडी चोटी का जोर लगा देंगे। यहां बता दें कि यह सब ताना-बाना आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर हो रहा है। चूंकि कांग्रेस पार्टी में आपसी मन-मुटाव के कारण कांग्रेसी आपस में बंट गए है तो उन्हें एकत्रित करने का प्रयास करने के लिए पार्टी के नेता खुद अपनी स्वेच्छा से इन्हें एकजुट करने में जुट गए है।