शिवपुरी। हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर प्रदीप चौबे का आकस्मिक निधन हिंदी जगत के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई होना असम्भव है। श्री चौबे लगभग चार दशकों से हिंदी कवि सम्मेलनों के मंचों पर अपनी कविताओं से हजारों श्रोताओं को गुदगुदाते रहे। अपनी विशिष्ट शैली के कारण देश भर के कवि सम्मेलनों के ये चहेते कवि रहे हैं ।
श्रीरामकिशन सिंघल फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उक्त उद्गार उपस्थित रचनाकारों के द्वारा व्यक्त किये गए। ज्ञातव्य है कि प्रदीप चौबे का ग्वालियर में कल आकस्मिक निधन हुआ। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उपस्थित रचनाकारों के द्वारा दो मिनिट का मौन धारण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
डॉ. महेंद्र अग्रवाल द्वारा उनकी कुछ रचनाओं का श्रद्धांजलि स्वरूप पाठ किया गया। डॉ. लखन लाल खरे, दिनेश वशिष्ठ, अरुण अपेक्षित, विनय प्रकाश नीरव, श्री राम पंडित, राधा मोहन समाधिया, डॉ.मुकेश अनुरागी, इशरत ग्वालियरी, युसूफ कुरेशी, प्रकाश चन्द्र सेठ, सुकूंन शिवपुरी, विजय भार्गव, अखलाक खान आदि रचनाकारों ने उन्हें भाव सुमन समर्पित कियेे।
Social Plugin