मानसिक रूप से हार चुकी है BJP, सिंधिया के भय से भाजपा की औपचारिक चुनाव लड़ने की तैयारी | Shivpuri News

शिवपुरी। देश के लोकसभा चुनावो ने दस्तक दे दी है। कांग्रेस और भाजपा ने देश की कई सीटो पर अपने प्रत्याशियो की घोषणा कर दी है। गुना—शिवपुरी संसदीय सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लडते हैं। सिंधिया अभी तक अजेय हैं, भाजपा इस बार इस सीट को सिंधिया से मुक्त कराना चाहती हैं,सोशल पर भाजपाई जीत के दावे कर रहे हैं। लेकिन भाजपा ने अभी तक सीट से अपना प्रत्याशी घोषित नही किया है,कारण मना जा रहा है सिंधिया का भय। 

शिवपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा हारी हुई मानसिकता के साथ मैदान में खड़ी हुई दिख रही है। ऐसा कहीं से कहीं तक प्रतीत नहीं हो रहा कि भाजपा इस संसदीय क्षेत्र में जीत की कटिबद्धता के साथ मैदान में है। चुनाव में महज डेढ़ माह ही शेष है, लेकिन भाजपा की कोई साफ और स्पष्ट रणनीति सामने नहीं आ रही है। 

पार्टी के अधिकांश कार्यक्रम यहां पर फैल हो रहे हैं। स्थानीय वरिष्ठ भाजपा नेता भी पार्टी के कार्यक्रमों में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। मंगलवार को कोलारस में भाजपा ने विजय संकल्प सभा का आयोजन किया था, लेकिन घोषणा के बाद भी विश्वास सारंग विजय संकल्प सभा में नहीं आए। जिससे स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हो रहा है। 

गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र सिंधिया राजपरिवार के प्रभाव वाली सीट है और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस में होने के कारण इस सीट पर भाजपा की चुनौती पहले भी नगण्य थी और अब भी नगण्य नजर आ रही है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया के बाद भाजपा इस सीट को कभी नहीं जीत पाई है। 

कोलारस में आयोजित विजय संकल्प सभा के लिए पूर्व मंत्री विश्वास सारंग के आने का कार्यक्रम जारी किया गया था, लेकिन अंतिम समय में वह नहीं आए और उनके बिना ही सभा संपन्न हो गई। विश्वास सारंग के न आने पर उनकी जगह इस सीट के लोकसभा प्रभारी बनाए गए महेंद्र सिंह यादव अवश्य आए, लेकिन सभा में भीड़ नदारद थी। 

भाजपा मीडिया प्रभारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सभा में विश्वास सारंग को आना था, लेकिन भोपाल में उनके नजदीकी किसी परिचित का निधन होने के कारण वह नहीं आ सके और इस कारण उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया। लेकिन विश्वास सारंग के न आने से भाजपा कार्यकर्ताओं को निराशा अवश्य छाई है। 

इस संसदीय सीट पर भाजपा की केाई कारगर तैयारियां न होने पर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी गई है। इस सीट पर सिंधिया के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी उतारने की कोई रणनीति भी अभी भाजपा खेमे में नजर नहीं आ रही है। 


कैसे विजय होंगी भाजपा 
अभी कयास लगाए जा रहे है कि शायद इस सीट से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की धर्म पत्नि चुनाव लडे,लेकिन उनकी चुनाव लडने की खबर ग्वालियर से अधिक आ रही है।चुनाव सिंधिया लडे या उनकी धर्मपत्नि भाजपा को अपना दमदार और मजबूत प्रत्याशी यहां से उतरेंगा,तभी सिंधिया फैमिली को चुनौती दे सकता है।

शिवपुरी जिले में ऐसा कोई प्रत्याशी भाजपा के पास नही हैं,कि वहां सिंधिया को चुनौती दे सके। सभवत:प्रत्याशी आयतित की करना होगा। जब प्रत्याशी आयतित करना ही है तो देर किस बात की। अगर प्रत्याशी की घोषण जल्द होगी तो उसे क्षेत्र और कार्यकर्ताओ को समझने का मौका मिलेगा। लेकिन सिंधिया का भय इतना है कि भाजपा अपना प्रत्याशी चयन ही नही कर पा रही है। ऐसे सभी समीकरणो को देखकर लगता है कि भाजपा यहां से सिर्फ आपचारिक चनुाव लडेंगी।