
जिसकी जिम्मेदारी सुरक्षाकर्मियों की बनती पर इन पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी. प्रदेश के न.1 अस्पताल का तमगा प्राप्त अस्पताल में स्टाफ तो कम है ही और जो है वो भी लापरवाह। इस अस्पताल में सिविल सर्जन भी दो दो है और इनकी कुर्सी की लड़ाई का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
एक आईसीयू काफी पहले बंद हो चूका है। सुरक्षा कर्मियों के होते हुए अस्पताल में शासकीय सामान की चोरी की वारदाते भी हो चुकी है. इस जिले के प्रभारी मंत्री स्वास्थ्य मंत्री भी है, इसके बावजूद ऐसे हालात है। पलंग तो कम है ही और इनपर बिछाने के गद्दे फटे हुए है और चादर है नहीं।
अगले हफ्ते स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव का शिवपुरी दौरा है और आज भोपाल से अस्पताल प्रभारी और जिले की ओआईसी डॉ छाया जोशी ने जिला अस्पताल और सीएमओएच कार्यालय का निरीक्षण किया जहाँ उन्हें कमिया ही कमियां नजर आई। अब भोपाल लौट कर पूरी रिपोर्ट विभागीय आला अधिकारियो को सौंपेंगी। अब देखना होगा कि अस्पताल में हालात सुधरते है या नहीं।