शासकीय स्कूल की दीवार पर शिक्षकाओं के लिये लिखे भद्दे कंमेंट, निर्भया पहुंची

0
शिवपुरी। जिले के शिवपुरी विकासखंड के माध्यमिक विद्यालय ईटमा में तीन शिक्षिकाएं पढ़ाती हैं। शुक्रवार को यहां स्कूल की दीवारों पर आपत्तिजनक कमेंट्स लिखे हुए थे। शिक्षिका रक्षा रावत अपनी दो अन्य साथी शिक्षिकाओं के साथ स्कूल पहुंचीं तो यह देखकर भयभीत हो गईं। शिक्षिका रक्षा ने अपने परिजनों को जानकारी दी। उनके पति व निर्भया टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम को लेकर गांव के सरपंच व अन्य वरिष्ठ लोगों को बुलाया और इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले शरारती तत्वों को चितिंत करने में सहयोग की बात कही। पीडि़त शिक्षिका ने मामले की लिखित शिकायत महिला डेस्क के अलावा संबंधित सिरसौद थाने में की है। 

स्कूल में बाउंड्री नहीं, हैंडपंप पर लगा रहता है असामाजिक तत्वों का मजमा
सरकारी स्कूल भवन के निर्माण पर भले ही हर साल लाखों रुपए का बजट खर्च हो रहा है, लेकिन आज भी 50 फीसदी से अधिक स्कूलों में सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल नहीं है। ईटमा स्कूल की शिक्षिकाओं का कहना है कि स्कूल के सामने ही हैंडपंप है, जो बच्चों के लिए है, लेकिन इस पर ग्रामीण भी पानी भरने पहुंचते हैं और इसी का फायदा उठाकर कुछ असामाजिक तत्व दिनभर यहां जमघट लगाए रहते हैं। महिला शिक्षिकाओं पर भद्दे कमेंट करते हैं।

स्कूल पहुंची तो बच्चे पढ़ रहे थे कमेंट्स
स्कूल पहुंचने वाले बच्चों पर भी इस तरह की हरकतों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शिक्षिकाएं जब शुक्रवार को निर्धारित समय पर स्कूल पहुंची तो वहां पहले से मौजूद मासूम बच्चे दीवार पर अंकित किए गए भद्दे कमेंट्स को इकट्ठा होकर पढ़ रहे थे, जिसके बाद शिक्षिकाओं ने बच्चों को वहां से हटाया और खुद दीवारें साफ कीं।

4 हजार शिक्षिकाएं हर दिन जूझती हैं ऐसे हालातों से
जिले की बात करें तो यहां सरकारी स्कूलों में करीब 4 हजार शिक्षिकाएं पदस्थ हैं, इनमें से 90 फीसदी शिक्षिकाएं अप डाउन करती हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर न तो गांव में पंचायत स्तर से कोई प्रबंध हैं और न ही पुलिस या विभाग द्वारा। जिले में महिला शिक्षिकाओं के साथ कभी बस में तो कभी गांव में अभद्रता के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कुछ मामले थाने की चौखट तक पहुंचते हैं तो कुछ मामलों में महिला शिक्षिकाएं दहशत की वजह से आगे नहीं आती।

इनका कहना है-
हमनें वर्क प्लान में एक लाख मीटर बाउंड्रीवाल की डिमांड की है, जो स्वीकृत होते ही कोशिश की जाएगी कि स्कूलों में बाउंड्रीवाल का निर्माण जल्द हो जाए। जहां तक इस तरह की घटनाओं का सवाल है ये निंदनीय हैं। कानूनी कार्रवाई के अलावा हम स्कूलों के भ्रमण के दौरान ग्रामीणों व शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों से संवाद कायम कर उन्हें प्रेरित करेंगे कि शिक्षक-शिक्षिकाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी आप लोगों की भी है। ऐसे में इस तरह के लोगों के खिलाफ सामाजिक तौर पर भी पहल हो।
शिरोमणि दुबे, डीपीसी शिवपुरी
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!