रेडिऐन्ट ग्रुुप: हिन्दी और उर्दू दोनो सगी बहिनों की तरह है

शिवपुरी। हिंदी एक समावेषी भाषा है जिसने अनेक बोलियों, भाषाओं के शब्दों को अंगीकार किया है। इसका अपना समृद्ध शब्दकोष है, बाजारबाद के प्रभाव से हिंदी भाषा पर कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक प्रभाव पढा है। उक्त उद्गार रेडिऐन्ट ग्रुप में आयोजित विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर शिवपुरी के रहने बाले देश के जाने-माने पत्रकार एवं लेखक प्रमोद भार्गव ने व्यक्त किए। श्री भार्गव ने कहा-हमें अपनी मात्र भाषा का सम्मान करते हुए तरक्की के पायदान चढऩा चाहिए। लेखक-पत्रकार जाहिद खान ने कहा कि हिंदी में काम करने में गर्व महसूस करें हीनभावना नहीं। आवश्यक हो तो अन्य भारतीय भाषाओं व विदेषी भाषाओं का भी ज्ञान हासिल करें ताकि तथ्यपरक जानकारियॉ प्राप्त हो सकें।

रेडिऐन्ट के समन्वयक अखलाक खान ने कहा कि विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी भाषियों की संख्या लगातार बड़ रही है। सोशल मीडिया के कारण जरुर हिंदी की मूल लिपि के साथ अन्याय हो रहा है। 

हिंदी और उर्दू दो सगी बहनों की तरह हैं ज्रिन्हें अलग करना मुश्किल है। हिंदी की यही विषेशता इसे उत्कृष्टता प्रदान करती है। हिंदी दिवस के अवसर पर अनुराधा रघुवंशी, राहुल सोनी, मृदल भार्गव, कृष्णा धाकड़ सहित अनेक छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। आभार कार्यक्रम संयोजक अपर्णा धागे ने और सफल संचालक पूनम गुप्ता ने किया।