किसान कम पानी वाली रवी की फसलों की बोनी करें: कलेक्टर

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में स्थित विभिन्न जलाशयों से रवी फसलों को प्रथम पानी (पलेवा) के रूप में 55 हजार 334 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिसमें राजघाट बांध से जिले की 21 हजार 464 हेक्टेयर क्षेत्र में और सिंध बहुउद्देशीय परियोजना मड़ीखेड़ा बांध से 33 हजार 870 हेक्टेयर क्षेत्र पानी उपलब्ध कराया जाएगा। उक्त आशय का निर्णय आज कलेक्टर श्री तरूण राठी की अध्यक्षता में आयोजित जिला जल उपभोक्ता समिति की बैठक में लिया गया। 

जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में पोहरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रहलाद भारती, जलसंसाधन विभागों के कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, कृषि आदि विभागों के अधिकारी सहित जल उपभोक्ता संथाओं के पदाधिकारीगण उपस्थित थे। 

कलेक्टर तरूण राठी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में कम वर्षा होने के कारण जलाशयों में पर्याप्त मात्रा में पानी का संग्रहण नहीं हुआ है। हमें पेयजल एवं निस्तारी कार्य को छोडक़र जलाशयों में उपलब्ध पानी का कम से कम उपयोग करना है। जिले में स्थित जलाशयों में पानी की उपलब्धता को देखते हुए रवी फसल की सिंचाई हेतु केवल एक ही पानी प्रदाय किया जा सकेगा। उन्होंने किसान भाईयों से आग्रह किया कि वे रवी की फसलों के रूप में चना, सरसों, मटर, अलसी की बोनी करें, जिसमें कम पानी का उपयोग होता है। 

कलेक्टर श्री राठी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एक कंट्रोल रूम का भी गठन करें। जिससे पानी के दूरूपयोग की सूचना कोई भी केन्द्र पर दे सकेगा। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि तहसील स्तर पर जल उपभोक्ता समितियों की बैठके आयोजित करें और बैठक के माध्यम से किसानों को समझाईस दें कि रवी सीजन में वे कम पानी की फसलें लें। 

उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नहरों की साफ-सफाई उनके मरम्मत के कार्य भी प्राथमिकता के आधार पर कराए जाए। जलाशयों से छोड़ा जाने वाले पानी अंतिम छोर तक जाए। यह भी सुनिश्चित करें। जल उपभोक्ता संथाओं के पदाधिकारी भी पानी छोड़ते वक्त सतत निगरानी रखे और यह भी देखें कि पानी का दूरूपयोग न हो, शिकायत मिलने पर तत्काल कंट्रोल रूम को सूचित करें। कलेक्टर ने जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मड़ीखेड़ा डेम के माध्यम से मोहनी पिकअप होते हुए दतिया को पेयजल हेतु जो पानी निर्धारित किया गया है, उससे अधिक न दिया जाए। 

कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग का अमला किसानों को सलाह दें
विधायक प्रहलाद भारती ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे तालाब या बांध जहां मरम्मत कराना योग्य है, उनमें मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के साथ कराए। जिससे पानी का उपव्यय रोका जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारी किसान भाईयों को कम पानी की फसल लेने हेतु अभी से प्रेरित करें। 

इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसान भाई पानी की उपलब्धता को देखते हुए कम पानी में ली जाने वाली फसलों की बोनी करें। जिसमें मुख्य रूप से सरसों, चना, मटर, अलसी जैसी फसलें लें। साथ ही परम्परागत बहाव सिंचाई पद्धति की अपेक्षा आधुनिक एवं उन्नत सिंचाई की तकनीकी के रूप में स्प्रिंगकिलर, रेनगन का भी उपयोग करें। बैठक में जल उपभोक्ता संथाओं के पदाधिकारियों द्वारा अपने-अपने सुझाव दिए।