
रक्षाबंधन का दिन आते ही बहनें में भाईयों की प्रति गहरा प्रेम उमड़ पड़ता है। हजारों कोसों दूर रहने वाली बहन भी अपने रक्षाबंधन के दिन भाई के यहां आकर उसे राखी बांधने आती है। आज भी अनेक बहनें रक्षाबंधन पर भाईयों की कलाईयों पर अपना प्यार बांधने के लिए कोसों दूर से चलकर आई। अनेक भाई भी ऐसे थे जो बहनों के यहां रक्षा सूत्र बंधवाने के लिए पहुंचे।
रक्षाबंधन का त्यौहार मनाए जाने के लिए भाई बहनों के बीच सुबह से ही उत्साह देखा जा रहा था। बहनें सज धजकर अपने भाईयों को तिलक कर राखियां बांध रहीं थी। तो भाई अपनी बहनों ने भाईयों से अपनी सुरक्षा का वचन मांगा, वहीं बहनों ने भी रक्षा सूत्र बांधते हुए ईश्वर से अपने भाई की लंबी उम्र की कामना की। शहर में राखियों बांधने का सिलसिला सुबह से लेकर दोपहर 1:40 बजे तक चला क्योंकि फिर ग्रहण होने के कारण सूतक में राखियां नहीं बधाई गई।
कैदी भाईयों को बहिनों बांधी राखी
शिवपुरी। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी जेल में बंद कैदियों की बहनें उन्हें राखियां बांधने के लिए आई जहां जेलर श्री पाण्डे ने प्रबंधन द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर कैदियों को राखियां बांधने आने वाली बहनों के लिए विशेष इंतजाम किए थे। जेल परिसर में कैदियों को निकालकर बहनें अपने भाईयों को राखी बांध रही थी। जेलर द्वारा इस अवसर पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए थे।
सद्भाव का प्रतीक भुजरिया त्यौहार आज
शिवपुरी। शहर के प्राचीन भुजरिया ताल पर आज दोपहर के बाद से रंग विरंगे परिधानों में बच्चे, युवक, युवतियां तथा महिलायें रक्षा बंधन के सात दिन पहले बोई गई भुजरियों का विर्सरजन करने गूजर ताल पर पहुंचेंगे जहां पर उन्होंने भुजरियों का विर्सरजन कर एक दूसरे को भुजरियों का आदान प्रदान किया जाएगा। जो सद्भाव व आपसी प्रेम का प्रतीक बताया गया है।