नोटों के सौदागरों और अवसरवादी नेताओं ने नपा एवं शिवपुरी को किया बदरंग

डॉ ए के मिश्रा, शिवपुरी। कभी शिवपुरी प्रकृति की सुंदरता का आले हुआ करती थी और मौसम बेमिसाल एवं जिंदगी खुशहाल हुआ करती थी, लेकिन कुछ स्वप्न दिखाने वाले और नगर पालिका मैं नोटों के सौदागरों के चलते शिवपुरी की हालत यह हो गई है कि हवा के झोंकों से बहने वाली धूल से शिवपुरी बदरंग हो गई। यहां की अवाम परेशान हो गई है कहीं गड्ढे तो कहीं गंदगी तो कहीं पर पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। पीने वाले पानी के वास्ते आपस में लड़कर लोग चोटिल होकर लहूलुहान हो रहे हैं, जिससे उनका रंग लाल हो रहा है। अवसरवादी नेता एवं अधिकारियों के अलावा अन्य जवाब देवों हम सभी को दिवास्वप्न दिखा-दिखा कर समय बर्बाद कर रहे हैं और हम हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे।

शहर के विकास के सबसे पहले नगर पालि​का अध्यक्ष और उसके शासन की बनती है लेकिन यहां तो नगर पालिका अब विकास की बात नही करती है। घोटाले की नपा हो गई है,और भ्रष्टाचार के आंकठ में ​डूबी नपा पर कई सवाल खडे हो रहे है। नपा की लाइटें कमजोर रोशनी क्यों दे रही है, सबमर्सिबल पंप जो वार्ड के बोर में लगे हैं कुछ और ही बयां कर रही हैं, टेंडर किसी कंपनी का है तो सामग्री किसी और कंपनी की है, वह भी इतने हल्के स्तर का है, कि उसकी गुणवत्ता का वर्णन नहीं किया जा सकता है।

एक आरटीआई कार्यकर्ता ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अधिकांश वार्ड की सबमर्सिबल पंप वास्तविक ना हो कर नगर पालिका से जुड़े चाहे वह रसूखदार, कर्मचारी, पार्षद या अधिकारी हो उनके कृषि फार्म पर यहां की सबमर्सिबल पंप लगे हुए, और इन वार्ड के बोरों में फार्म हाउस की खराब मोटर एवं कमजोर सबमर्सिबल पंप जो उनके द्वारा रिजेक्ट की गई है और उनके फार्म हाउस के काम की नही रही।

उन रिजेक्ट मोटरो को नपा जनता के पानी पीने के बोरो में डाल रही है। जिससे यह गुणवत्ताविहीन पंप आए दिन खराब हो रहे हैं। सूत्रों की माने तो अगर प्रशासन या शासन द्वारा इसकी जांच की जाए तो यह पता चल जाएगा कि इन सबमर्सिबल पंप एवं पेयजल परिवहन में कितनी अनियमितताएं बरती जा रही हैं।

कहीं कहीं तो यह पंप महीनों से खराब हैै। जैसे भैरव बाबा मंदिर के पास 19 नंबर वार्ड के बोर में डली मोटर महीनों से खराब है,वार्ड में पेयजल समस्या गंभीर होने के बावजूद भी ना तो नपा सुध ले रही है और ना ही वार्ड पार्षद, बूढ़े लोग पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। बस यहां तो नोटों के सौदागर शिवपुरी और नगरपालिका को बदरंग करने में लगे हुए हैं। शासन व प्रशासन गहरी निद्रा में है यह कब चैतन्यता में आएंगे इस का इंतजार है।