
जानकारी के अनुसार कोलारस अनुविभाग के ग्राम पंचायत खरई में वर्ष 2015 में पूर्ण हो चुके सीमेंट रोड का है जिसको इंजीनियर की मिली भगत से फिर से स्वीकृति दी गयी तथा 8 जून 2016 को तीन लाख रु लागत मूल्य स्वीकृत किया गया, उसमें से एक लाख पचास हजार रु आहरण होने के आठ माह बाद भी किसी भी अधिकारी ने इस महा घोटाले को देखना भी उचित नही समझा।
बड़ा सबाल ये है कि क्या शिवपुरी समाचार डॉट कॉम द्वारा इस मामले को उजागर करने के बाद क्या प्रशासन लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा ,या फिर पिछले महा घोटालों की तरह इस मामले में भी लीपा पोती कर दी जाएगी। सरकारी खजाने को लाखों रु का पलीता लगाने बाले जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही कर एसडीएम कोलारस इस भ्रस्टाचार की लौं को बुझाएंगे या फिर उनके कनिष्ठ इस पलीते में और तेज आग लगने में कामयाब होंगे।