चैक बाउंस केे आरोपी को एक साल की जेल और 2 लाख 30 हजार का जुर्माना

शिवपुरी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती नमिता बौरासी ने एक फैसले में अभियुक्त गोविन्द स्वर्र्णकार पुत्र रामस्वरूप स्वर्र्णकार निवासी फिजीकल कॉलेज के पीछे शिवपुरी को परक्राम्य लिखित अधिनियम की धारा 138 के तहत दोषी पाते हुए 2 लाख 30 हजार रूपए का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है। 

वहीं अभियुक्त एक वर्ष का सश्रम कारावास भी भुगतना होगा। जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्त गोविन्द स्वर्र्णकार को तीन माह का सश्रम कारावास प्रथक से भुगतना होगा। इस मामले में अभियुक्त द्वारा परिवादी अमित शर्र्मा को उसके ऋण के एवज में दिया गया 1  लाख 80 हजार रूपए का चैक डिस्ओनर होकर वापस आ गया था। परिवादी की ओर से अभिभाषक आलोक श्रीवास्तव, निखिल सक्सेना, सादिक मोहम्मद करैरा वाले और संजय शर्मा ऐचवाड़ा वालों ने पैरवी की। 

परिवादी अमित शर्मा ने न्यायालय में फरियाद की कि उसने आरोपी गोविन्द स्वर्र्णकार को 1 लाख 80 हजार रूपए बतौर ऋण दिए थे। उसके एवं आरोपी के पूर्व में मधुर संबंध रहे हैं तथा वह एक दूसरे पर विश्वास करते थे। आरोपी ने 11 फरवरी 2013 को एक लाख 80 हजार रूपए बतौैर ऋण प्राप्त किए थे तथा एक माह बाद वापस करने का विश्वास दिलाया था। 

एक माह बाद 12 मार्च 2013 को जब उसने आरोपी गोविन्द स्वर्र्णकार से उधार लिए गए धन की मांग की तो उसने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच शिवपुरी का चैक क्रमांक 029466 दिनांक 14 मार्च 2013 का 1 लाख 80 हजार का दिया। अभियुक्त ने उसे विश्वास दिलाया था कि चैक बैंक खाते में प्रस्तुत करने पर उसे धन राशि का भुगतान प्राप्त हो जाएगा। 

यह जानकार उसने अपने एचडीएफसी बैंक में स्थित खाते में भुगतान हेतु चैक प्रस्तुत किया तो चैक बिना भुगतान हुए बैंक द्वारा अपर्याप्त निधि बताकर उसे वापस कर दिया गया। इसके बाद उसने अभिभाषक के माध्यम से चैक के डिस्ओनर होने की सूचना अभियुक्त को रजिस्ट्रर्ड डाक द्वारा भेजी गर्ई तथा उससे आग्रह किया गया कि नोटिस प्राप्ति के पश्चात 15 दिवस के भीतर वह चैक की राशि 1 लाख 80 हजार रूपए अदा करे। 

अभियुक्त को उक्त नोटिस 11 अप्रैल 2013 को प्राप्त हो गया और नोटिस प्राप्ति के उपरांत भी आरोपी ने 15 दिवस के भीतर राशि परिवादी को नहीं दी। इससे व्यक्ति होकर परिवादी अमित शर्मा ने अभियुक्त के विरूद्ध परिवाद धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत प्रस्तुत किया था।