
सुभाषपुरा टीआर्ई विजयपाल सिंह जाट का कहना है कि अज्ञात बदमाशों के खिलाफ भादवि की धारा 342 का प्रकरण दर्ज कर लिया है, लेकिन युवक की कहानी संदिग्ध है। इसलिए इसकी जांच की जा रही है।
डकैतों के चंगुल से छूटकर आए जितेन्द्र गुर्जर के बड़े भार्ई नरेश गुर्जर ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि 23 जनवरी को सुबह जितेन्द्र और ताऊ सोबरन सिंह भैंस चराने के लिए जंगल में गए थे और सुबह करीब 8:30 बजे दोनों वापस लौट रहे थे। तभी ताऊ घर आ गए लेकिन जितेन्द्र वापस नहीं आया तब उसकी तलाश की गर्ई लेकिन उसका कोर्ई सुराग नहीं लगा।
इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। लेकिन कल दोपहर 12 बजे जितेन्द्र घर वापस आ गया। जहां उसने बताया है कि उसे पांच बदमाश अपने साथ ले गए थे और उन्होंने उसके हाथ भी बांध दिए थे। उन बदमाशों में से तीन के पास बंदूकें भी थी। जो उसे नावर का जंगल में ले गए।
जहां एक पहाड़ी की खोह में उसे बंधक बनाकर रखा था। खाने के लिए बदमाशों ने उसे खाना नहीं दिया। जब उसने तेज भूख लगने पर उसे चक्कर आने की बात कहीं तो बदमाशों ने उसे विस्किट खाने के लिए दे दिये। इस दौरान तीन लोग उसके साथ हर समय मौजूद रहे।
जबकि दो व्यक्ति दूर से ही उन्हें इशारा करके हर स्थिति से अवगत करा रहे थे, लेकिन कल दोपहर 12 बजे बदमाशों ने उसे बंधन से मुक्त कर दिया और धमकी दी कि उसने इस घटना का किसी से भी जिक्र किया तो अगली बार वह उसे मार देंगे। बदमाशों ने उससे फिरौती की कि कोर्ई मांग नहीं की।