शिवपुरी में हैजे का कहर: कई लोगों की मौत, मप्र में नही करा रहे है इलाज

शिवपुरी। जिले के कई इलाकों में इस समय दूषित पानी पीने से जिले में हैजा फैल रहा है। इस जानलेवा बीमारी के कारण जिले में कई लोगो की मौतो की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि इस समय करैरा और पिछोर में हैजे का प्रकोप ज्यादा है। इसमें सबसे खास बात यह है कि हैजे से पीडि़त मरीजो को मप्र की दवाओ पर भरोसा नही है और वे यूपी के झांसी में इलाज करा रहे है। 

करैरा विधान सभा के मुगांवली गांव व उसके आसपास हैजे का प्रकोप फैल गया है गांव में दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हैं इनमें से दर्जनभर लोग समय पर स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने के चलते अपने खर्चे पर इलाज के लिए उप्र के झांसी पलायन कर गए हैं गांव में स्थिति लगातार बिगड़ रही है मामला सामने आने पर गुरुवार को स्वास्थ्य महकमे की टीम गांव पहुंची और यहां भी औपचारिकता में महकमे का कैंप आयोजित कर इतिश्री कर ली गई है। 

लापरवाही का आलम यह रहा कि गुरुवार को स्वास्थ्य महकमे की टीम मुंगावली गांव तो पहुंच गई और यहीं कैंप करती रही, जबकि यहां के अधिकांश पीडि़त पहले ही इलाज के लिए यूपी के झांसी रवाना हो चुके हैं महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित मजरे डा़ेढे में भी दर्जन भर मरीज उल्टीए दस्त की चपेट में हैं, लेकिन टीम ने वहां जाने की जहमत नहीं उठाई बाद में ग्रामीणों ने जब उन्हें बीमारी की जानकारी दी, तब कहीं जाकर टीम वहां पहुंची। 

यह मरीज करा रहे है यूपी में ईलाज 
ग्रामीणों ने बताया कि जहां गांव में कई मरीज उल्टी दस्त से पीडित हैं, वहीं पिछले दो दिनों से झांसी के एक निजी अस्पताल में बलवान पुत्र मूलचन्द्र लोधी, रामराजा पुत्र मूलचन्द्र लोधी, मंगल पुत्र कल्याण लोधी, दीक्षा पुत्री कल्याण लोधी, छिता पत्नी धनीराम लोधी, प्रताप पुत्र विश्वनाथ लोधी सहित कई अन्य मरीज भर्ती है। 

गांव में यह है मरीज 
ग्राम मुंगावली के आंगनबाड़ी केंद्र में लगे कैंप में मौजूद डॉ.अवनीश शर्मा और विशाल भार्गव ने बताया कि सुबह 11 बजे तक दर्जन भर मरीज मिले, जिनका उपचार किया गया गांव में रामू पुत्र दिनेश, लक्ष्मी पत्नी रामअवतार सिंह, ललित पुत्र कल्लू लोधी, वर्षा पुत्री रामकिशन सहित कई अन्य मरीजों का इलाज किया गया। 

अंचल में पिछले दो माह में फैले हैजे से ग्राम अटामानुपर में बर्फी आदिवासी पुत्र गजरा आदिवासी, अंजलि पुत्री पाती आदिवासी, ग्राम पिपरा में दो बच्चों कमलसिंह पुत्र करनसिंह आदिवासी व नवलू पुत्र दानी आदिवासी की मौत हो गई थी।  जबकि 50 से अधिक लोग बीमार हो गए थे पिछोर के ग्राम भुंडा बमेरा में इमरती पुत्री मोहनलाल, पिस्ता पत्नी मुलायम, कैलाश पुत्र सिरिया, दुरो पत्नी दुज्जी आदिवासी की भी मौत हो गई थी और दो दर्जन से अधिक लोग हैजे से पीडित थे।