
जानकारी के अनुसार जिले के पोहरी क्षेत्र में पिछले 2-3 सालों से सूखा की मार झेल रहा है इसका मु य कारण वनों की कटाई एवं पर्यावरण को नष्ट करना है। वनों की सुरक्षा के लिए एवं वन्य जीवों को बचाने के लिए शासन एवं प्रशासन के द्वारा कई कदम उठाये जा रहे है लेकिन वन विभाग के आला अधिकारी मौन दर्शन बने हुए है।
ऐसे में पिछली तहसील पोहरी के हालत बिगडते नजर आयेगें। हाल ही में हुए 2 अलग अलग जगह हिरण के शिकार के कारण वन्य जीव काफी असुरक्षित है इसका कारण गर्मियों में पानी के लिए हिरण वनों से गांव की ओर आने लगते है वहीं लोगों द्वारा उनका शिकार कर वन्य जीवों को विलुप्त करने की कगार पर खडे हुए है। लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्य नहीं किये जाते है।
मिट्टी-पत्थरो का अवैध उत्खनन भी जोर-शोर से हो रहा है पोहरी मे वनों की कटाई के साथ साथ मिटटी-पत्थरो का भी अवैध उत्खनन जोर-शोर से हो रहा है। वन विभाग के अधिकारी स त कार्यवाही करने मे विफल है जिससे उत्खननकर्ता बेखौफ पत्थरों व मिट्टी का उत्खनन कर रहे है। ऐसे में संकट की स्थिति पैदा होती है क्योंकि मिट्टी की खुदाई के कारण वर्षा का पानी वह कर निकल जाता है।
पोहरी को पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो काफी संकट की स्थिति है जिसमें विभागीय अधिकारी भी कोई रूचि नहीं ले रहे है। वन विभाग की इस विफलता को देखते हुए आर.एस.एस. बजरंग दल एवं पोहरी के नागरिको ने कहा कि प्रत्येक सदस्य को एक-एक वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे हम हरियाली को बचा सके। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता जरूरी है और कहा हर नागरिक एक एक पौधा रोपण कर पर्यावरण को बचाने के लिए कोशिश करेगा।