
अभियोजन के अनुसार प्रमोद पुत्र रघुवीर धाकड़ आगरा के एक कॉलेज में बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र था तथा छुट्टियों में शिवपुरी की बैंक कॉलोनी में अपने छोटे भाई पवन धाकड़ के यहां आया था जो प्रेम कुमार जैन के मकान में किराए से रहते थे। 15 जून 2012 को शाम 6:30 बजे प्रमोद अपने भाई पवन से बाजार जाने की बात कहकर निकला और वापस नहीं लौटा जिस पर परिजनों ने पहले अपने स्तर पर उसकी तलाश की, लेकिन नहीं मिला तो कोतवाली शिवपुरी में गुमशुदगी दर्ज कराई।
इस मामले में पुलिस ने विवेचना शुरू की तो पूरे मामले में पता चला कि पंकज धाकड़, उत्तम धाकड़ व प्रकाश धाकड़ ने प्रमोद का अपहरण किया और उसकी हत्या कर दी तथा लाश पोहरी के ग्राम मुबारिकपुर के तालाब के पास खेत में गाड़ दी थी।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर लाश बरामद की व चालान न्यायालय में पेश किया जिस पर साक्ष्यों के आधार पर माननीय न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों को हत्या, अपहरण व साक्ष्य मिटाने का दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दंडित किया। शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक बीडी राठौर ने की।