अब कलेक्टर नहीं होगें मगंलम के अध्यक्ष: चुनाव होगा

0
शिवपुरी। समाजसेवी संस्था मंगलम के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर नहीं रहेंगे। इस आशय का प्रस्ताव कल कलेक्ट्रेट शिवपुरी के सभागार में मंगलम के पदेन अध्यक्ष   और कलेक्टर राजीवचन्द्र दुबे की अध्यक्षता में आयोजित संस्था कार्यकारिणी की बैठक में सर्व स मति से पारित किया गया। 

हालांकि वैधानिक रूप से यह प्रस्ताव तब अमल में आयेगा जब एक माह बाद मंगलम सदस्यों की बैठक में यह प्रस्ताव पारित हो जाएगा। मंगलम सचिव राजेन्द्र मजेजी के अनुसार मंगलम के संविधान में पदेन अध्यक्ष का पद समाप्त हो जाने के बाद अन्य पदाधिकारियों के समान अध्यक्ष का भी चुनाव होगा। 

सन् 1981 से मंगलम की स्थापना के बाद इस संस्था का पदेन अध्यक्ष पद कलेक्टर शिवपुरी संभालते थे। हालांकि मंगलम के संविधान में इस प्रावधान की व्यवस्था थी लेकिन यह प्रावधान कानूनी रूप से सुस्पष्ट नहीं था। शासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। 

हालांकि मंगलम के सचिव कहते हैं कि उन्होंने अनुमति लेने के लिए प्रयास भी किए लेकिन इसमें सफलता हांसिल नहीं हुई। परन्तु परंपरा के अनुसार तब से अब तक कलेक्टर ही मंगलम के पदेन अध्यक्ष बनते चले आ रहे थे, लेकिन कलेक्टर राजीवचन्द्र दुबे ने कार्यभार संभालने के बाद अपनी इच्छा से अवगत कराते हुए कहा था कि चूंकि इसकी वैधानिक व्यवस्था नहीं है इसलिए मंगलम के पदेन अध्यक्ष रहने में उनकी कोई रूचि नहीं है और कलेक्टर ने मंगलम की किसी भी बैठक और गतिविधियों में भाग नहीं लिया। 

इस कारण उनकी इच्छा से ही कल कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलम कार्यकारिणी की बैठक आहुत की गई। जिसमें मु य एजेंडा यही था कि कलेक्टर को पदेन अध्यक्ष पद के दायित्व से मुक्त किया जाए। बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर राजीवचन्द्र दुबे ने कहा कि कलेक्टर के अध्यक्ष रहने के कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। 

उनकी संस्था के प्रति कोई शिकायत और विरोध नहीं है। हालांकि वह रेडक्रॉस संस्था के भी पदेन अध्यक्ष हैं, लेकिन वह सरकारी संस्था है और वह अध्यक्ष पद वैधानिक रूप से संभाले हुए हैं और मंगलम के प्राईवेट एनजीओ होने के कारण कलेक्टर के पदेन अध्यक्ष होने की शासन से अनुमति भी नहीं मिलेगी। 

इस कारण वह चाहते हैं कि कलेक्टर को पदेन अध्यक्ष पद के दायित्व से मुक्त किया जाए और अध्यक्ष का चुनाव भी निर्वाचन से हो। बैठक में अजीत जैन और विनय राहुरीकर ने कलेक्टर से पद पर बने रहने का अनुरोध किया और कहा कि कलेक्टर के अध्यक्ष रहने से प्रोत्साहन मिलता है तथा संस्था के समक्ष आने वाली परेशानियों का भी निदान होता है। 

मंगलम उपाध्यक्ष अशोक कोचेटा ने कहा कि परंपरायें भी एक समय बाद कानून का रूप धारण कर लेती हैं। 35 साल से चली आ रही परंपरा स्वत: वैधानिक हो जाती है। लेकिन कलेक्टर सहमत नहीं हुए। इस पर सर्व स मति से प्रस्ताव पारित किया गया। 

इस अवसर पर बैठक में कलेक्टर राजीवचन्द्र दुबे, वरिष्ठ पत्रकार प्रेमनारायण नागर, मंगलम सचिव राजेन्द्र मजेजी, मंगलम उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता, भानू प्रताप सिंह तोमर, अशोक कोचेटा, प्रमोद भार्गव, अजय खैमरिया, हरिओम अग्रवाल, दीपक गोयल, विनय राहुरीकर, जिनेन्द्र जैन, अजीत जैन, जीतू रघुवंशी, प्रमोद गर्ग, रामशरण अग्रवाल, एड.संजीव बिलगैया, श्री विरमानी, श्री खण्डेलवा सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी श्री नरवरिया सहित संस्था के अन्य संचालकगण आदि उपस्थित थे। 
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!