दादा से त्रस्त शहर अध्यक्ष आमोल ने दिया इस्तीफा

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शिवपुरी । जिला कांग्रेस और शहर कांग्रेस के बीच ल बे समय से चला आ रहा अंर्तविरोध अंतत: सतह पर आ गया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव से मतभेद के चलते शहर अध्यक्ष राकेश जैन आमोल ने अपना इस्तीफा केन्द्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास भेज दिया है। फैक्स से भेजे अपने इस्तीफे में श्री जैन ने जिला कांग्रेस पर संवादहीनता और अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में वह पद पर काम नहीं कर पा रहे। 

इस कारण इस्तीफा ेदेकर अपने दायित्व से मुक्ति चाहते हैं। वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन के आरोपों को वेबुनियाद बताया है और कहा है कि वह खुद काम नहीं कर पा रहे हैं और काम न कर पाने का ठीकरा मुझ पर फोड़ रहे हैं। उन्होंने श्री जैन पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया है। 

शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश जैन आमोल जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव के विश्वस्त सिपहसालारों में रहे हैं। तत्कालीन शहर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता को जब हटाया गया था तो श्री यादव ने ही राकेश जैन के नाम की अनुशंसा कर उन्हें शहर अध्यक्ष बनबाया था। कुछ समय तक तो दोनों के बीच अच्छा समन्वय रहा, लेकिन इसके बाद दोनों के बीच दूरियां बढऩे लगी। दूरिया बढऩे का एक प्रमुख कारण यह था कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष यादव ने सांसद प्रतिनिधि हरवीर सिंह रघुवंशी को राकेश जैन की तुलना में अधिक महत्व देना शुरू कर दिया था। 

श्री रघुवंशी संगठन के कुशल खिलाड़ी हैं और उन्होंने जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामसिंह यादव के दायित्व को अपनी क्षमताओं के कारण काफी कम कर दिया था। इस कारण श्री रघुवंशी जिला कांग्रेस के प्रवक्ता की हैसियत से भी कार्य करने लगे थे। जिला कांग्रेस के कार्यक्रमों में पदाधिकारियों और कार्यकर्र्ताओं को आहुत करने के अलावा कार्यक्रमों को बनाने और उसके क्रियान्वयन का जि मा श्री रघुवंशी ने संभाल रखा था। इसी कारण रामसिंह और राकेश जैन के बीच दूरियां बढऩे लगी। 


जिला कांग्रेस के कार्यक्रमों की जानकारी जब श्री रघुवंशी राकेश जैन को देते थे तो इससे श्री जैन का आत्मस मान आहत हो जाता। वह चाहते थे कि श्री यादव उनसे सीधे संवाद करें, लेकिन श्री यादव का कहना था कि जब जिला कांग्रेस के प्रवक्ता हरवीर सिंह रघुवंशी हैं तो फिर मैं किस-किस से संवाद करूं  और यह भी उचित नहीं होता कि एक को कार्यक्रमों की सूचना मैं दूं और अन्य को श्री रघुवंशी। इस परिपाटी से पार्टी में फूट ही पड़ती और ऐसा लगता कि मै किसी का खास हूं और किसी का नहीं। 

इसका परिणाम यह हुआ कि राकेश जैन ने जिला कांग्रेस के कार्यक्रमों से दूरी बना ली। यहां तक कि बैठकों में भी कोई न कोई कारण बता कर वह अनुपस्थित रहते। जबकि श्री जैन का कहना था कि इससे बढ़कर मेरी क्या उपेक्षा होगी कि मुझे पार्टी के कार्यक्रमों की जानकारी मीडिया के जरिये लगती। उनका यह भी आरोप था कि शहर के मामले में जिला कांग्रेस अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है और इस कारण वह स्वतंत्रता पूर्वक कार्य नहीं कर पा रहे हैं। कौन-कौन से ऐसे शहर में जिला कांग्रेस के कार्यक्रम हुए जिसमें उनसे पूछा नहीं गया? इस सवाल के जवाब में राकेश जैन कहते हैं कि उपेक्षा रैली के दौरान उनकी पूंछ परख नहीं हुई। पानी को लेकर आंदोलन हुआ उसमें भी उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। 

पूर्व मंत्री रामनिवास रावत की अध्यक्षता में जिला कांग्रेस की होने वाली बैठक की जानकारी उन्हें मीडिया से मिली लेकिन तब तक वह किसी कारण से शहर से बाहर चले गए थे। इस बजह से वह बैठक में उपस्थित नहीं हो पाये। 
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