
शौर्या वूमेन दल की प्रभारी रंजीता देशपाण्डे ने बताया कि इन पात्रों को लगाने का मकसद यह है कि यहां से हटाए जाने वाले फूलों को फेंकने की जगह एकत्र किया जाएगा और फिर इन फू लों को सुखाकर उनसे रंग तैयार किए जाएंगे। इससे एक ओर जहां युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं मंदिर के आसपास साफ सफाई भी रहेगी।
अब तक होता यह आ रहा है कि मंदिर से उतरे हुए फूल यहां वहां पड़े गंदगी को बढ़ावा देते हैं और पानी में फेंके जाने पर पानी को प्रदूषित करते हैं। दल ने मिशन स्वच्छ शिवपुरी के तहत आज से यह अभियान की शुरूआत की है और उनका यह प्रयास कितना सफल रहता है यह मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं और पुजारियों पर निर्भर रहेगा।