जलअंदोलन: 7 दिन में ठोस रिजल्ट, नही तो उग्र आंदोलन

0
शिवपुरी। शिवपुरी शहर की जलसमस्या से इस देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अवगत है। शहर की जलसमस्या के वादे को नेताओ ने सन 64 से बार-बार रीपैकिंग कर बैचा है परन्तु आज तक इस समस्या का समाधान नही हुआ है जनता के करोडो रूपए पानी में बहा दिए। इस समस्या पर पहली बार जनता द्वारा जलआंदोलन किया जा रहा है। इस अंदोलन के तहत आज धरना व ज्ञापन दिया गया है।

जल आन्दोलन कर रही संस्था सोसायटी फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट के तत्वाधान में आज प्रदेश के राज्यपाल, मु यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जबकि इसी ज्ञापन की एक-एक प्रति सामाजिक संस्थाओं, पत्रकारों और शहरवासियों को ज्ञापन की प्रति प्रदान की गई। 

इस ज्ञापन में मांग की गई है कि यदि 7 दिनो में इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई तो संस्था द्वारा क्रमिक आन्दोलन चलाने को मजबूर होना पड़ेगा। संस्था के अध्यक्ष एड.पीयूष शर्मा सहित अन्य कोर कमेटी के 51 लोगों ने जल आन्दोलन में भाग लेकर हरेक शहरवासी से इस आन्दोलन में जुडऩे की अपील भी की है। 

दिए गए ज्ञापन में सोसायटी फॉर पब्लिक इंटे्रस्ट संस्था शिवपुरी द्वारा चलाए जा रहे जल आन्दोलन के तहत आज शांतिपूर्ण तरीके से माधवचौक पर धरना दिया गया व इसके बाद ज्ञापन सांैपा। 

इस ज्ञापन में संस्था ने मांग की है कि शिवपुरी शहर के 65000 घरो में लगभग 2.25 लाख शहरवासियों को स्थाई जलापूर्ति हेतु वर्ष 2008 से स्वीकृत जलावर्धन योजनांतर्गत सिंध का पानी आज पर्यन्त तक नहीं मिला है। शहर के 2.25 लाख शहरवासियों कीओर से संस्था एक सूत्री मांग रखती है जिसमें योजना के क्रियान्वयन की मांग की गई है। 

यह रखी है मांगे
सोसायटी फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट संस्था द्वारा जो मांग रखी गई है उनमें शहर के लिए वर्ष 2008 में जलावर्धन योजनांतर्गत स्वीकृत होने के पश्चात आज दिनांक तक शुद्ध पेयजल का स्थाई स्त्रोत क्यों उपलब्ध नहीं हुआ, जांच कर दोषियों को सजा दी जाए।

जिला प्रशासन बताए कि वन, पर्यावरण से स्वीकृति मिलने के पश्चात जलावर्धन योजना का कार्य क्यों रोका गया।

जिला प्रशासन यह भी बताए कि शिवपुरी शहरवासियों के लिए वर्ष 2008 में स्वीकृत हुई जलावर्धन योजना किस तारीख तक पूर्ण रूप से क्रियान्वित होगी। 

पेयजल की आपूर्ति के लिये शहर शिवपुरी की जनता को नलों द्वारा जल सप्लाई प्रतिदिन की जावे। ऐसे क्षेत्रों में जहां नलां से पेयजल सप्लाई नहीं हो सकी वहां पानी के टैंकरों से जलापूर्ति की जावे। 

शहरवासियों के लिए जलावर्धन योजना में बाधा उत्पन्न करने वाले दोषी कर्मचारी,अधिकारियों एवं संबंधित निर्माण एजेंसी के पदाधिकारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर दण्डित किया जावे। 

Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!