मौसम के परिवर्तन ने फिर बढाई किसान की चिंताए

शिवपुरी। बीते कुछ दिनों पूर्व हुई ओलावृष्टि से किसानों को निजात नहीं मिल पाई कि एक बार फिर से मौसम की बदलती करवट से किसानों की चिंताऐं बढऩे लगी है। भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री , सांसद और विधायक ग्रामों का दौरा कर बर्बाद हुई फसलों के लिए किसानों को सांत्वना देने का काम कर रहो लेकिन इसके बाद भी किसान परेशान है।

मौसम में अचानक आ रहे बदलाव से खेतों में खड़ी और कटी पड़ी गेहॅूॅं की फसल को लेकर किसान खासा मुश्किल में है कि करें तो आखिर क्या...। वैसे भी प्रकृति में आने वाले बदलाव के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन इस तरह किसानों को ही मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा कराए जा रहे सर्वे की कार्य पूर्णता को लेकर भी किसान अचरज में है जहां कई जगह सर्वे पूरा कर लिया गया है तो कई किसान आज भी सर्वे करने वाले पटवारी के आने के इंतजार में है।

बताना होगा कि पूरा प्रदेश पिछले कुछ समय से बारिश और ओलों की बौछार से इतना पीडि़त हो गया है कि यदि एक बार और बारिश हुई तो वह इससे उबर नहीं पाएगा। लेकिन वर्तमान हालातों को देखा जाए तो स्थिति फिर से बिगड़ती नजर आ रही है। गर्मी के मौसम में बारिश की संभावना प्रबल हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों ने भी 26-27 के आसपास बारिश होने का इशारा किया है हालांकि गत दिवस तो पानी नहीं बरसा लेकिन आज बादलों की लुकाछिपी सुबह से ही हो रही है।

जिससे ऐसा लगता है कि कहीं देर शाम तक बारिश हो। ऐसे में किसानों की मुसीबतें बढ़ गई है जिनके खेतो में फसलें खड़ी है तो कहीं कटे हुई फसल खेतों में मौजूद है। ऐसे में हजारों हैक्टेयर में खड़ी फसल पर यह बारिश मुसीबतों का पहाड़ तोडऩे जैसा कार्य करेगी। किसानों की चिंताऐं और प्रशासन भी इस मुसीबत से गुजरता हुआ नजर आ रहा है।

किसान दुआ कर रहे है कि ऐसे मौसम में बारिश रूक जाए तो उन्हें भी अपनी फसल काटने और उसे सुरक्षित रखने का अवसर मिल जाएगा। लेकिन प्राकृतिक वातावरण में बदलता मौसम कुछ भी कर सकता है। ऐसे में सं ाावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। जिले के कई क्षेत्रों में जहां फसल कट गई है वहां तो किसानों ने राहत की सांस ली है ।

लेकिन कई जगह बारिश और ओलों से फसल तबाह हुई है उन्हे खासी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा क्योंकि कुछेक फसल का हिस्सा ही शेष बचा है जिससे वह अपने परिवार को अन्न उपलब्ध करा सकेगा। फिलवक्त बदलते मौसम परिवर्तन ने किसानों को आज उस मुसीबत में ला दिया है कि वह करें तो आखिर क्या करे?

सर्वे पूर्ण होने के बाद फिर बिगड़े हालात
गत दिवस जिला प्रशासन द्वारा जारी खबरों के अनुसार जिले का सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अब यह सर्वे कहां तक पहुंचा यह तो स्वयं प्रशासन ही जानता है लेकिन अभी भी कई हल्कों में किसान पटवारी के आने के इंतजार में है कि वह उनकी फसलों का आंकलन करें और फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे रिपोर्ट तैयार करें।

बताया जाता हैकि कई जगह पटवारियों ने अपनी मनमर्जी से फसल का सर्वे कार्य पूर्ण कर ब्यौरा प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया है ऐसे में यह भी जांच का विषय है कि जिन किसानों की पूरी फसल ही बर्बाद हो गई वहां का सर्वे इस रिपोर्ट में क्या कहता है। फिलवक्त इस सर्वे रिपोर्ट पर भी सवाल उठना अब शुरू हो गए है।

सीएम और सांसद के मल्हम के बाद किसान अब भी है परेशान
कोलारस, शिवपुरी, सुभाषपुरा, सतनबाड़ा, पिछोर, करैरा, नरवर, बदवास, पोहरी, खनियाधाना आदि क्षेत्रों में बारिश और ओलों से फसल पूरी तरह बर्बादी की कगार पर आ गई है। यहां किसानों को राहत देने के लिए जहां प्रदेश के मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर-शिवपुरी के बॉर्डर गुरावल ग्राम में पहुंचे तो वहीं दूसरी ओर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी किसानों पर मल्हम लगाने का कार्य किया और वह कोलारस, करैरा के आसपास क्षेत्रों में पहुंचकर किसानों के साथ होते हुए नजर आए।

किसानों को सांत्वना देने का कार्य तो मु यमंत्री और सांसद ने कर दिया लेकिन इस सांत्वना से क्या किसानों का पेट भरेगा? यह बड़ा सवाल है ऐसे में किसानों को सांत्वना नहीं उन्हें संबल प्रदान करने की आवश्यकता है और यह तभी होगा जब प्रदेश के मु िाया और सांसद इन किसानों की सुध लेकर इन्हें इनकी फसल का उचित मुआवजा दिलाकर आर्थिक रूप से मजबूत करें।