शिवपुरी। नरवर के रहने वाले जंमांध दयाराम जाटव लगातार अधिकारियों के टेबिलो पर मदद की गुहार लगा रहा है ना तो उसे रहने को कुटीर मिल रही है और ना ही अर्थिक मदद वह लगातार मदद के लिए ऑफिसो के चक्कर काट रहा है। पढिए इस नेत्रहिन का दर्द :—
साहब मुझे दोनो आंखो से बिल्कुल नहीं दिखता। बचपन से ही में दृष्टिहीन हूॅ। ऐसी स्थिति में जहां परिवार ने तो मेरा साथ छोड़ ही दिया वहीं प्रशासन का कोई भी अधिकारी मेरी मदद करने को तैयार नहीं है।
आजीविका चलाने के लिए न तो मेरे पास कोई पैतिक संपत्ति है और न ही मेरे पास रोजगार का कोई साधन । ऐसी स्थिति में मैं अपना जीवन-यापन के लिए काफी आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा हूॅ। उक्त बात नरवर के ग्राम निजामपुर निवासी संतोष पुत्र दयाराम जाटव ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहीं।
संतोष ने आगे बताया कि अपनी परेशानी को वह तहसीलदार, एसडीएम सहित कलेक्टर तथा अन्य सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को बता चुका है। मेने शासन से खुद के रहने के लिए एक कुटीर की मांग की थी साथ ही आजीविका चलाने के लिए कोई काम लेकिन मेरी फरियाद पर हर अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने आश्वासन तो दिया लेकिन आज तक किसी ने उस आश्वासन पर अमल नहीं किया जिससे मुझे जीवन यापन करने में खासी परेशानी आ रही है।
एक बार तहसीलदार ने मुझसे शासकीय जमीन तलाशकर उसका पट्टा देने की बात कही थी जिस पर मेने शासकीय भूमि के बारे में उन्हें बताया लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं की गर्ई। स्थिति दिनो-दिन बिगड़ती जा रही है अब तो परिवार ने भी साथ छोड़ दिया है वहीं प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।