निर्दलीय प्रत्याशी रामजी लाल अब चुनाव में खूब खरी खोटी सुना रहे सिंधिया को

शिवपुरी। राजनीति का रंग कब किस पर चढ़ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता और खासतौर पर ऐसे कार्यकर्ता से जो शुरू से ही पार्टी में समर्पित भाव से कार्य करें और अंत में जब उसे उसका प्रतिफल ना मिले तो वह बगावत करने में जरा भी देरी नहीं करता।
शहर में इन दिनों नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रामजी लाल कुशवाह भी इन्हीं में से एक है जब वह पार्टी में थे तो खूब सिंधिया की चरण वंदना किया करते थे लेकिन अब जब टिकिट नहीं मिला तो खूब जनता के बीच खरी खोटी सुनाते नहीं अघाते। अब इनका उद्देश्य नगर पालिका की अध्यक्षीय आसंदी पाना शेष रह गया जिसके लिए राजनीति में साम-दाम-दण्ड-भेद कुछ भी हो किया जा सकता है उसी तर्ज पर यह अपना चुनाव प्रचार करने में लगे हुए है।

कांग्रेस के बागी प्रत्याशी रामजीलाल कुशवाह ने अपना टिकट काटे जाने का श्रेय ज्योतिरादित्य सिंधिया को देते हुए कहा कि मैं उन्हें अपना कृष्ण समझ रहा था, लेकिन मुझ सुदामा को पता चला कि वह कृष्ण नहीं है। मेरे कृष्ण तो स्व. माधवराव सिंधिया और महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा हैं। श्री सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें विरासत में सब कुछ मिला है इसलिए वे गरीब का दर्द क्या जानें। लोकसभा चुनाव में वह शिवपुरी से पराजित हुए थे और अब नगरपालिका चुनाव में उनका प्रत्याशी मेरे हाथों धराशायी होगा।

श्री कुशवाह ने कहा कि मैं पिछले 40 वर्षों से सिंधिया परिवार की एक भक्त की तरह सेवा कर रहा हूं। कांग्रेस का मैं वफादार सिपाही रहा हूं। स्व. माधवराव सिंधिया गरीबों के मसीहा थे। उन्होंने मुझ जैसे गरीब को जो स मान दिया उसे मैं अपनी जिंदगी में कभी नहीं भुला पाऊंगा। 10 साल पहले नगरपालिका अध्यक्ष शिवपुरी का टिकट मुझे दिलवाया। यह बात अलग है कि षड्यंत्र कर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मेरे नाम का मेंडेट बदलवा दिया। स्व. माधवराव ने मेरी पत्नी को कृषि मण्डी मगरौनी का अध्यक्ष बनवाया और मैंने उनके निर्देश पर वहां विकास के तमाम कार्य किए। जहां तक महेन्द्र सिंह का सवाल है तो वे मेरे पूज्यनीय है। वह मेरे पिता तुल्य हैं।

उन्होंने मेरी टिकट की लड़ाई लड़ी, लेकिन सिंधिया ने मेरा टिकट काट दिया। श्री कुशवाह कहते हैं कि महेन्द्र सिंह जी का जो आदेश होगा वह मुझे शिरोधार्य होगा और मुझे भरोसा है कि मेरे समर्थन में वह मुन्ना कुशवाह को चुनाव मैदान से हटवाकर मुझे कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी बनाएंगे। कांग्रेस प्रत्याशी को उन्होंने एक धनाढ्य सेठ का नौकर बताया और कहा कि जिसे टिकट दिया गया पिछले चुनाव में वह पार्षद पद का चुनाव बुरी तरह हार गया और हारा भी भाजपा के एक अल्पसं यक वर्ग के प्रत्याशी के हाथों।