अंधे कत्ल का पर्दाफाश: दुश्मनों को फंसाने के लिए बाप को कत्ल कर डाला

करैरा। एक कलयुगी बेटे ने अपने ही पिता को मौत के घाट उतार दिया वो भी महज इस कारण की वह अपने दुश्मनो से जमीन विवाद के चलते तंग आ चुका था और मारपीट का बदला लेना चाहता था। पुलिस ने छानबीन मे बेटा को आरोपी पाए जाने पर उसे हत्या के प्रकरण मे गिर तार कर लिया। पुलिस ने मामला विवेचना में ले लिया है।

मामले की जानकारी देते हुए करैरा एस डी ओ पी पी एस सोलंकी ने बताया कि 27 मार्च 2014 को फरियादी मनीराम पुत्र तीतुरिया केवठ उम्र 50 वर्ष नि. ग्राम बहगंवा ने अपने पिता तीतुरिया पुत्र बिहारी केवट की मृत्यु हो जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रिपोर्ट पर मर्ग क्र0 04/14 धारा 174 जॉ0फौ0 कायम कर जांच में लिया गया। मर्ग जांच के दौरान पी.एम.कर्ता डॉक्टरेां की टीम द्वारा मृतक की मृत्यु का कारण मृत्यु 24 घंटे पूर्व आई सिर की चोट से मृतक की मृत्यु होना लेख किया गया।

मर्ग की संपूर्ण जांच से पाया गया कि मृतक की मृत्यु उसके सिर में 24 घंटे पूर्व पंहुचाई गई चोट से मृत्यु होने के कारण अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना सीहोर पर अप.क्र. 57/14 धारा 302 के प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जिला पुलिस अधीक्षक के निदेर्शन पर विवेचना मे थाना प्रभारी सीहोर रविन्द्र सिंह सिकरवार ने पाया गया कि मृतक के परिजनेां की पडोसी गांव सीहोर निवासी छत्रपाल, जगदीश, रामस्वरूप आदि से जमीनी विवाद चल रहा था इन को फसाये जाने के उद्देश्य से, परिवार के ही किसी व्यक्ति द्वारा सिर में चोट पंहुचाकर हत्या की गई है।

मृतक के परिजन घटना दिनांक से ही अपने घरों पर अनुपस्थित थे। 14 जून को मृतक के बेटे मनीराम केवट को अपराध में संदेही होने पर पूछताछ की गई तो मनीराम केवट ने पहले तो हत्या से इन्कार किया परंतु जब पुलिस स त हुई तो वह टूट गया और उसने अपने पिता की हत्या का अपराध स्वीकार करते हुये, उसके द्वारा बताया गया कि 16 मार्च 2014 को सीहोर गांव के छत्रपाल आदि से जमीन को लेकर विवाद हो गया था, जिसमें मेरे पिता के धक्का लगने के कारण सिर में चोट आ गई थी, मैंने अपने पिता को अस्पताल शिवपुरी में भर्ती कराया था। दिनंाक 26 मार्च 2014 को मैं अपने पिता की अस्पताल से छुट्टी कराकर घर गांव बहगंवा ले लाया था। 26 -27 मार्च 2014 की रात में मैं तथा पिता एक ही कमरे में सो रहे थे। मैंने छत्रपाल आदि को हत्या के केस में फसाने की नियत से खटिया के मचेवा के नीचे लगे पत्थर को निकालकर पिता के सिर में चोट पंहुचाकर हत्या कर दी। घटना में प्रयुक्त पत्थर को आरेापी मनीराम की निशादेही पर पुलिस ने जप्त किया गया। इस अंधे हत्या काण्ड की गुत्थी सुल्झाने मे थाना प्रभारी सीहोर रविन्द्र सिहं सिकरवार सहित प्र.आर. पुष्पेन्द्र सिंह, रामप्रकाश शर्मा, आर. सतेन्द्र मिश्रा, भगवती प्रसाद, रूपनारायण यादव की विशेष भूमिका रही।