रिश्वतखोर तहसीलदार को 6 महीने की जेल

शिवपुरी। विशेष न्यायाधीश एएस तोमर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शिवपुरी ने जिले की करैरा तहसील के तत्कालीलन तहसीलदार को 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगने के आरोप में 6 माह का सश्रम कारावास और 5 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

अभियोजन के अनुसार फरियादी प्रभुदयाल उम्र 78 पुत्र सोहनलाल त्रिपाठी निवासी सोहनलाल की गली करैरा की श्योपुरा तहसील करैरा स्थित कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 142-3 वर्ष 2006 फोरलेन निर्माण में आ गई थी। इस जमीन पर दो बोरवेल का मुआवजा दिलाने प्रभुदयाल ने 18 जुलाई 2006 को तत्कालीन तहसीलदार करैरा एसपी सिंह उम्र 67 वर्ष पुत्र नक्टूराम शाक्य हाल निवासी बी ब्लॉक 976 आनंद नगर बहोड़ापुर ग्वालियर को प्रतिवेदन देने को आवेदन लगाया।

इस मामले तहसीलदार ने 10 हजार रूपये की रिश्वत मांगी। लोकसेवक के पद पर रहते हुए तहसीलदार द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत परिवादी प्रभुदयाल ने तत्कालीन एसडीएम आरके जाटव से शिकायत की।

शिकायत पर एसडीएम ने तहसीलदार को मौके पर स्थल निरिक्षण करने के करने के निर्देश दिए। 18 जुलाई 2006 को तहसीलदार स्थल निरिक्षण करने पहुंचे जहां 2 बोरवेल थे,तहसीलदार ने प्रतिवेदन में बोरवेल दर्शाने 10 हजार की रिश्वत मांगी, लेकिन प्रभुदयाल ने रिश्वत देने से मना कर दिया।

तहसीलदार ने एसडीएम की गलत जांचप्रतिवेदन दिया कि मौके पर कोई बिजली के खंबे और पाईप लाईन नही है। परिवादी प्रभुदयाल ने एसडीएम से शिकायत की और 19 जुलाई को एसडीएम ने निरिक्षण किया और पाया कि मौके पर दो बोरवेल है। किसान पुस्तिका, खसरा, खतौनी ओर अक्स में भी इसका उल्ल्ेाख है। इस पर अभियुक्त पर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का दोषी पाया गया।

विशेष न्यायाधीश एएस तोमर ने 26 मई 2014 को मामले में फैसला सुनाते हुए सेवानिवृत तहसीदार एसपी सिंह पुत्र नक्टूराम शाक्य को 6 माह का सश्रम कारावास और 5 हजार रूपए के अर्थदंड अदा न करने पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।