भुगतान लेने दोशियान के अहमदाबाद दफ्तर पहुंचे ठेकेदार

शिवपुरी। शहर को पेयजल संकट से मुक्त करने के लिए यहां चलाई जा रही जलावर्धन योजना वर्ष 2009 से अमल में लाई गई जो दो वर्ष तक तो नगर पालिका और पीएचई दोनों में से किसे क्रियान्वयन एजेंसी बनाई जाए। उसके फेर में लटकती रही।

जहां प्रारंभ में इसे 55 करोड़ के लगभग की राशि इस योजना को अमल में लाने के लिए दी गई लेकिन दिन पर दिन बढ़ते गए तब कहीं देा वर्ष बाद नगर पालिका को इसके क्रियान्वयन का जि मा सौंपा गया, तब कहीं जाकर यह राशि 80 करोड़ तक पहुंच गई। जहां वर्तमान में इसके कार्य की जि मेदारी अहमदाबाद की प्रसिद्ध कंपनी दोशियान को सौंपी। जहां यह वर्ष 2010 से अपने कार्य में लगी हुई है जिसे वर्ष 2012 तक पूर्ण करना था लेकिन आज वर्तमान में स्थिति देखी जाए तो कंपनी द्वारा जितना भी कार्य किया गया है वह इतनी अनियमितताओं के साथ किया गया है कि हाल में यह योजना पूर्ण ना होते हुए अभी और लगभग दो वर्ष लग सकते है।

अभी हाल ही में बीते चार माह से तो इस कंपनी का पाईप लाईन बिछाने का कार्य शिथिलता की स्थिति में बना हुआ है जहां इनके पाईप लाईन कार्य में बजरी के लिए दोशियान कंपनी ने कुछ ठेकेदारों से अनुबंध किया था जहां इनसे निरंतर कार्य लेती चली गई और भुगतान के नाम पर ठेकेदारों को कंपनी अधिकारी यह कहकर टालमटोल देते चले आ रहे थे कि नगर पालिका द्वारा अभी उनका भुगतान नहीं किया गया है जैसे ही उन्हें राशि मिल जाएगी उन्हें तुरंत ही ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर देंगें जबकि हकीकत में यह कंपनी नपा से किए गए कार्य से अधिक का भुगतान ले चुकी है।

जिसका पता जैसे ही ठेकेदारों को लगा उन्होंने शिवपुरी स्थित दोशियान कंपनी के कार्यालय पर भुगतान को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। जिससे सहमकर अधिकारियों ने तुरत फुरत इन्हें चैक दे दिए। जिससे ठेकेदारों के चेहरों पर संतुष्टी झलक आई और जैसे ही उन्होंने चैक अपने खातों में डाला तो उन्हें पता चला कि कंपनी ने जो चैक उन्हें दिए है उस खाते में रूपये ही नहीं है और यह सारे ठेकेदारों के चैक बाउंस हो गए। जिससे यह ठेकेदार और भी रोष में आ गए लेकिन जब तक शिवपुरी स्थित द तर पर अधिकारियों द्वारा ताला लगाकर भाग खड़े हुए थे।

बीती 8 जनवरी को जब क्षेत्रीय विधायक व कैबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा जलावर्धन योजना के कार्य में चल रहे विलंब को लेकर शिवपुरी कलेक्टर व नपा अधिकारी एवं दोशियान कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को भोपाल तलब कर एक मीटिंग रखी गई, जिसकी खबर इन ठेकेदारों को भी लग गई और यह भी उस मीटिंग में भोपाल जा पहुंचे। जहां इन्होंने श्रीमंत राजे के समक्ष अपनी पूरी पीड़ा सुना डाली। जिस पर राजे द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए कंपनी के सीएमडी रक्षित दोषी को तुरंत भुगतान करने के निर्देश दिए। जहां 20 जनवरी सोमवार को कंपनी के सीएमडी रक्षित दोषी ने शहर के छ: ठेकेदारों जिन्हें लगभग डेढ़ करोड़ का भुगतान करना है उन्हें अहमदाबाद बुलाया है जहां देखना है कि अब भुगतान होता है या फिर से ठेकेदारा को बहला फुसलाकर आगामी तारीख बढ़ा दी जाएगी।