सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अवहेलना: स्पीड गवर्नर विहीन चल रहे स्कूली वाहन

शिवपुरी। विद्यालयीन बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बीती 23 जून 2011 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि सभी प्रकार की स्कूल बसों में स्पीड गर्वनर लगा होना चाहिए लेकिन जिले भर में इन दिनों एक भी विद्यालय ऐसा नहीं है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हो और स्कूली बसों में स्पीड गवर्नर लगाया गया है।

ऐसे में यहां बच्चों की सुरक्षा के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। इस मामले में प्रशासन व यातायात विभाग को हस्तक्षेप कर स्कूली बसों में स्पीड गवर्नर लगाए जाने के ना केवल निर्देश दिए जाने चाहिए बल्कि अति आवश्यक रूप से स्पीड गर्वनर लगाए जाने हेतु कार्यवाही भी करना होगी।

यहां बता दें कि स्पीड गवर्नर लगाने का उद्देश्य यह था कि किसी भी स्कूल बस में भरे हुए बच्चे प्रात: स्कूल और फिर अपने घर सुरक्षित पहुंच सके। देखने में आ रहा था कि कई बार स्कूली बच्चों को ठसाठस भरकर अपने गतंव्य की ओर स्पीड से निकल जाती है ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावना हमेशा बनी रहती है। इसलिए इस शिकायत के आधार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा परिवहन आयुक्त, क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय व जिला परिवहन अधिकारियों के लिए स्पीड गवर्नर लगाए जाने के आदेश बीती 23 जून 2011 को पारित किया था लेकिन इस आदेश की अव्हेलना इन दिनों जिले में आसानी से देखी जा सकती है। इस आदेश का पालन ना होने से वाहन अनियंत्रित गति से भागते है जिससे बच्चों की जान को हमेशा खतरा बना रहता है यदि समय रहते स्पीड गवर्नर का पालन किया जाए तो कई दुर्घटनाओं को होने से बचाया जा सकता है। इस मामले में जिला प्रशासन व जिला परिवहन विभाग को आदेश पारित कर कठोरता के साथ सभी स्कूली वाहनो में स्पीड गर्वन लगाए जाने के निर्देश दिए जाने चाहिए और ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जावे तब इस आदेश का पालन सही रूप में हो सकेगा।

ये बताए सुरक्षा के मानदण्ड
स्पीड गवर्नर लगे वाहनों में सवार बच्चों की सुरक्षा अपने आप हो सकेगी। इसके लिए जो फायदे बताए गए है उनमें पहले तो स्कूल बस पीले रंग की हो, स्कूल वाहनों के आगे पीछे स्कूल बस अंकित हो एवं किराए की होने की दशा में ऑन स्कूल ड्यूटी अंकित हो, स्कूल बसों में प्राथमिक उपचार पेटी हो, बस में निर्धारित मानकों का स्पीड गवर्नर सज्जित हों, बसों में अग्नि शामक यंत्र हो, स्कूल बैग टांगने की व्यवस्था हो, दरवाजों पर मजबूती ताले हों, बच्चों को सम्हालने हेतु शिक्षित अटेण्डर हो, यह व्यवस्था हो कि विद्यालय का कोई शिक्षक या शिक्षिका अथवा बच्चों के अभिभावक सुरक्षा की व्यवस्था देखने के लिए स्कूल वाहनों का निरीक्षण कर सके एवं बस पर नियुक्त चालक का वर्ष में एकाधिक बार चालान ना हुआ हो तथा वह तीव्र गति से वाहन चालन का दोषी ना हो। 

जारी हुआ आदेश
स्कूल वाहनों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए स्पीड गर्वनर लगाने का जा आदेश दिया गया है उसके अनुसार संदर्भित प्रथम पत्र द्वारा शासन ने भारत शासन सड़क परिवहन मंत्रालय से प्राप्त पत्र क्रमांक आर.टी-11034 दिनांक 03.06.2011 को संलग्न कर पत्र में उल्लेखित माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुझाए स्कूल बसो में सुरक्षा हेतु बिन्दुओं का पालन सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया था एवं अनियमित/नियम विरूद्ध संचालित पाई जाने वाली स्कूल बसों/वाहनों पर वैधानिक/कड़ी कार्यवाही किए जाकर पालन प्रतिवेदन चाहा था। जिसके आधार पर यह आदेश दिया गया और इसकी सुरक्षा के मानदण्ड भी बताए गए। इसलिए स्पीड गर्वनर लगाया जाना आवश्यक है।