भाजपा की संभावित सूची में दो सीट तय, बाकी पर संस्पेंस

शिवपुरी- मप्र भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में जिन 155 सीटों पर सिंगल नाम तय कर केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजे हैं। सूत्रों के अनुसार उनमें से तीन शिवपुरी जिले की सीटें हैं। बताया जाता है कि पोहरी विधायक प्रहलाद भारती और कोलारस विधायक  देवेन्द्र जैन को चुनाव लडऩे की हरी झण्डी मिल गई है।
पार्टी ने शिवपुरी सीट पर भी यशोधरा राजे को प्रत्याशी बनाए जाने की अनुशंसा की है, लेकिन इसके बाद भी शिवपुरी सीट पर असमंजस बरकरार है, क्योंकि सूत्रों के अनुसार यशोधरा राजे ने चुनाव लडऩे के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है। 

पहले माना जा रहा था कि करैरा विधायक रमेश खटीक को पार्टी टिकट देगी, लेकिन अब जो संकेत मिले हैं उससे उनके टिकट पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। पिछोर सीट पर भी भाजपा अभी कोई फैसला नहीं कर पाई है। पिछले चार विधानसभा चुनावों के परिणाम देखते हुए पिछोर सीट भाजपा की सबसे कमजोर कड़ी मानी जा रही है।

भाजपा में चुनाव समिति का गठन अभी नहीं हुआ है, लेकिन लंबे समय से प्रत्येक सीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और पार्टी के संगठन महामंत्री अरविंद मेनन विचार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस तिकड़ी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के जो पैनल या सिंगल नाम तय किये हैं। वह फायनल हैं और चुनाव समिति सिर्फ उन नामों पर मोहर लगाएगी। 

हालंाकि इससे भाजपा में असंतोष का वातावरण भी है। बताया जाता है कि पार्टी में असंतोष को रोकने के लिए चुनाव समिति का गठन नहीं किया गया और इसकी बैठक कब होगी। इसके बारे में भी पार्टी के नेताओं के विरोधाभाषी बयान हैं, लेकिन इस टीम ने शिवपुरी जिले की दो विधानसभा क्षेत्रों पर प्रत्याशियों के चयन को अंतिम रूप दे दिया था। 

ये हैं शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया और पोहरी से प्रहलाद भारती। यह भी तय कर लिया गया था कि जिले की विधानसभा सीटों को जिताने के लिए कमान यशोधरा राजे सिंधिया को सौंपी जाएगी। यशोधरा राजे सिंधिया का नाम उनके राजनैतिक वजन और जनाधार को देखते तय किया गया। जबकि पोहरी से प्रहलाद भारती के नाम पर इसलिए कोई संकट नहीं था, क्योंकि भाजपा के सभी गुट कमोवेश उन्हें उम्मीदवार बनाने की पैरवी कर रहे थे। लेकिन अन्य तीन सीटों कोलारस, पिछोर और करैरा में किसी एक उम्मीदवार के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई थी।

कोलारस विधायक देवेन्द्र जैन भाजपा की गुटबाजी में यशोधरा राजे विरोधी खेमे में माने जाते हैं और यहां से आलोक बिंदल, रामस्वरूप रावत आदि के नाम भी उछल रहे थे। उपरोक्त दोनों भाजपाई यशोधरा समर्थक माने जाते हैं। इसलिए यह सस्पेंस बना हुआ था कि कोलारस में विधायक देवेन्द्र जैन अपनी उम्मीदवारी को कायम रख पाएंगे या नहीं? लेकिन अंतत: पार्टी ने देवेन्द्र जैन को उम्मीदवार बनाना तय किया। इसके पीछे सोच यह थी कि वह आर्थिक रूप से संपन्न हैं और काफी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। उनके अनुज जिपं अध्यक्ष जितेन्द्र जैन ने पंचायत फण्ड का अधिकांश उपयोग अपने भाई के विधानसभा क्षेत्र में किया है। जिसका लाभ पार्टी को मिलेगा। सूत्र बताते हैं कि करैरा में विधायक रमेश खटीक के टिकट की पैरवी यशोधरा केंप की ओर से हुई। श्री खटीक पिछले विधानसभा चुनाव में 13 हजार मतों से जीते थे, लेकिन यहां भाजपा का एक बड़ा वर्ग उनके टिकट काटे जाने की पैरवी कर रहा था।

सूत्र बताते हैं कि जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत करैरा से अपने चहेते पार्षद रामदास जाटव के  टिकट के लिए प्रयासरत् हैं। वहीं एक भाजपा सांसद सुभाष जाटव के टिकट के पैरवीकार हैं। करैरा से जनपद अध्यक्ष गगन खटीक का दावा भी काफी मजबूत माना जा रहा है। वह यशोधरा राजे समर्थक हैं और सूत्र बताते हैं कि संगठन महामंत्री अरविंद मेनन भी उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में हैं। सेवानिवृत्त तहसीलदार लच्छीराम कोली भी टिकट के लिए पूरी दमखम झोंक रहे हैं। ऐसी स्थिति में करैरा से रमेश खटीक के टिकट पर संकट अवश्य नजर आ रहा है। पिछोर में भाजपा को सूझ नहीं रहा कि वह कांग्रेस विधायक केपी सिंह की चुनौती को कैसे तोड़े? सूत्रों के अनुसार भाजपा आला कमान यहां पशोपेश में हैं, लेकिन चर्चा है कि उमा भारती के विश्वसनीय पूर्व विधायक नरेन्द्र बिरथरे, नपं अध्यक्ष विकास पाठक, जिला पदाधिकारी नवप्रभा पडेरिया और भैय्या साहब लोधी में से किसी एक को टिकट मिल सकता है। हालांकि भाजपा के युवा नेता धैर्यवर्धन शर्मा भी यहां केपी सिंह से जोर आजमाईश के मूड में हैं।