सृष्टि के रचियता भगवान श्रीकृष्ण है पालन हार : रक्षा राजे

शिवपुरी 9 सितम्बर का.इस संसार को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले हमारे ठाकुरजी (श्रीकृष्ण भगवान)कहते है कि संसार में आने वाला प्राणी अपने कर्मों से नया जीवन पाता है और अपने कर्मों को यदि सफल बनाना है तो उनके बताए मार्ग पर चलें लेकिन संसारी मानव भटककर अपने मार्ग से बदल जाता है
और पाप,अंधकार व द्वेष की भावना से ग्रसित हो जाता है इसलिए सच्चे मन से ईश्वरीय भक्ति करें तो यह सारे पाप धूल जाऐंगें, इस सृष्टि के रचियता भगवान श्रीकृष्ण इसीलिए पालनहार कहे जाते है। भगवान श्रीकृष्ण की इस ईश्वरीय भक्ति को प्रगट कर रही थी भागवात कथावाचक सरस्वती रक्षा राजे जो स्थानीय श्री बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम एबी रोड पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में अपने आर्शीवचन धर्मप्रेमीजनों को दे रही थी।
    इस अवसर पर मंदिर के महंत पं.पुरूषोत्तमदास जी महाराज के सानिध्य में उत्साह के साथ भगवान श्रीकृष्ण-श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया गया। कथा के दौरान मुख्य यजमान देवेन्द्र शर्मा (लल्लू)-श्रीमती अंजली शर्मा ने श्रीकृष्ण के रूप में अबोध बालक को टोकरी में रखकर पाण्डाल में चहुंओर घुमाकर धर्मप्रेमीजनों को आर्शीवाद प्रदान कराया। इस अवसर पर मंदिर के भक्तगणों द्वारा बड़े ही शानदार तरीके से कथा स्थल को सजाया गया। कथा में प्रतिदिन  हजारों की संख्या में धर्मप्रेमीजन पहुंच रहे है और भगवानी श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन कथा के माध्यम से कर रहे है। 

मंदिर महंत पं.पुरूषोत्तमदास जी महाराज ने इस अवसर पर धर्मप्रेमीजनों को भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से शिक्षा लेने पर बल दिया और बताया कि जिस प्रकार से उन्होंने इस पूरे संसार पर अपनी कृपा बरसाई है उसी प्रकार से संसारी प्राणी भी सच्चे मन से ईश्वरीय भक्ति करे तो उसकी भक्ति का फल सुखदायी होता है जीवन में सुख-दु:ख का आना यह उसके कर्मों पर निर्भर करता है। कथा समापन पर विशाल धर्मप्रेमीजनों को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर मावा-मिश्री व खिलौनों को बांटकर खुशियां मनाई गई।


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