कांग्रेसियों ने लिखा सोनिया को पत्र: करो सीएम के लिए सिंधिया को प्रोजेक्ट

राजू (ग्वाल) यादव/शिवपुरी। आखिरकार अब कांग्रेसियों का दर्द निकलकर सामने आने लगा है। अपने दिलोदिमाग में दबाए कुछ कांग्रेसियों का मन था कि इस बार प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रोजेक्ट किया जाए लेकिन वह खुलकर सामने इसलिए नहीं आ रहे थे क्योंकि प्रदेश के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल भैया का डण्डा उन पर चल जाता परन्तु अब विधानसभा चुनाव सन्निकट है ऐसे में कहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किसी और को प्रदेश में सीएम प्रोजेक्ट ना कर दे इसके लिए स्वयं कांग्रेसियों ने अब स्थानीय स्तर से यह मांग उठा रखी है कि अब तो सिंधिया ही प्रदेश की नैया पार लगाऐंगें, बीते 10 वर्षों से विपक्ष में रहे कांग्रेसियों को आस है कि अब नहीं कभी नहीं इसी तर्ज पर उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र व्यवहार कर अपनी मांग को पूर्ण करने की गुहार लगाई है।

यहां बताना होगा कि गत दिवस मुरैना में आयोजित कांग्रेस की जनाक्रोश रैली में कई बार खुले मंच से प्रदेश में कांग्रेस के प्रतिनिधित्व के रूप में सत्यव्रत चतुर्वेदी ने जहां सिंधिया का नाम रखा तो वहीं अजय प्रताप सिंह राहुल भैया ने अपने उद्बोधन में कांतिलाल भूरिया का नेतृत्व होने की बात कही। इस जनाक्रोश रैली में प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश ने भले ही नाम लेकर सिंधिया को प्रदेश की कमान सौंपने की बात ना कही हो, परन्तु उन्होंने अपने उद्बोधन में यह जरूर विश्वास दिला दिया कि आने वाले समय में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो यहां युवा नेतृत्व प्रदेश की कमान संभालेगा।

शिवपुरी में सिंधिया को प्रोजेक्ट करने के लिए जिला कांग्रेस प्रवक्ता एवं पार्टी के जिला उपाध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वर्तमान हालात में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सक्षम नेतृत्व में ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना संभव है। उनकी बेदाग छवि पार्टी की जीत सुनिश्चित करेगी। श्री शर्मा ने सुझाव दिया कि इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट कर कांग्र्रेस चुनाव लड़े।

पत्र में कांग्रेस प्रवक्ता रामकुमार शर्मा ने मप्र के कद्दावर नेता कमलनाथ और राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी के वक्तव्यों का हवाला देते हुए कहा कि उन दोनों का भी यही मत है और इसे श्री चतुर्वेदी और श्री कमलनाथ ने स्पष्ट भी किया है, लेकिन पार्टी के कुछ नेता श्री सिंधिया को कमान सौंपे जाने का निहित स्वार्थों के कारण विरोध कर रहे हैं और उनके अनुसार यह श्री चतुर्वेदी और श्री कमलनाथ का व्यक्तिगत मत है। जबकि कमलनाथ और चतुर्वेदी के वक्तव्यों के बाद समूचे प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं आम नागरिकों में उत्साह का वातावरण छा गया था।

सिंधिया की छवि और उनके ऊर्जावान नेतृत्व से समूची भाजपा सहमी  हुई है और जनता में उनके प्रति अटूट विश्वास है। वह भाजपा को सशक्त चुनौती पेश करने में सक्षम हैं और उनके अतिरिक्त कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं है। श्री सिंधिया को कमान सौंपे जाने की मांग जिला उपाध्यक्ष सुरेश राठखेड़ा, वीरेन्द्र शर्मा, सांसद प्रतिनिधि केशव सिंह तोमर, रामपाल रावत, विनोद धाकड़, ऊषा भार्गव, नारायण धाकड़, जमील अंसारी, अरविंद धाकड़, माताचरण शर्मा, ब्रजकिशोर त्रिवेदी, अखिल शर्मा, विजय यादव, रामजीलाल धाकड़,अवतार सिंह गुर्जर, गोपीलाल रावत, मेवा सेठ, प्रभुदयाल शास्त्री, राजकुमार शर्मा, संजीव शर्मा, दिलीप त्रिवेदी, गायत्री वर्मा, नरोत्तम भार्गव, कैलाश बिरथरे, हरविलास यादव, घनश्याम ओझा, मुन्नी तोमर, रामकली चौधरी, रमेश गुप्ता, राकेश गोयल, वासुदेव राजोरिया आदि ने की है।

कहीं दिग्विजय भी तो लाईन में नहीं...

देखने में आया है कि प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व के लिए जहां युवा ऊर्जावान केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सामने आ रहा है तो वहीं दूसरी ओर अब तो प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी 10 वर्ष का वनवास(जो उन्होंने स्वयं कहा था 10 साल तक चुनाव नहीं लडूंगा) भी पूरा हो चुका है तो कहीं ऐसा तो नहीं कि दिग्विजय भी इस बार प्रदेश में कमान हाथ में लेने के इच्छुक होंं। हालांकि यह पुष्टि तो अभी नहीं हुई लेकिन खबर जोरों पर है कि इस बार दिग्विजय सिंह भी अपना मंसूबा प्रदेश में बनाए बैठे है और सूत्रों द्वारा बताया गया है कि इसके लिए उन्होंने अपने वरिष्ठ नेताओं को स्वयं को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट के लिए सोनिया गांधी व राहुल गांधी के पास सूचना भी भेजी है देखना होगा कि इस बार क्या कुछ नया होगा अथवा पुराने राजा और महाराज दोंनो को छोड़ कोई और बाजी मार ले जाएगा...।