दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर विकलांग छात्र

शिवपुरी। प्रदेश सरकार भले ही कितनी भी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा हो लेकिन शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के बाद भी विकलांग छात्रों के लिए छात्रावास में रहने व उनको रखने के आदेश शासन द्वारा अभी तक नहीं दिया गया। जबकि शिक्षण सत्र  प्रारंभ होने से विकलांग अभ्यार्थियों के परिजनों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कुछ के परिजन तो बच्चों को छात्रावास में छोडऩे के लिए खुद के निजी वाहनों से लाना ले जाना पड़ रहा है। इससे भी परिजनों को काफ ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

यहां बता दें कि गत दिवस 1 जुलाई से शिक्षण सत्र प्रारंभ हो गया जिसके लिए परिजनों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने के साथ-साथ उनका एडमीशन कराना प्रारंभ कर दिया लेकिन प्रदेश के अधिकतर विकलांग छात्रावासों में छात्रों को रखने के लिए न तो फं ड और न ही कोई आदेश  शिक्षा विभाग के सर्व शिक्षा अभियान के तहत आने वाले छात्रावासों के अधीक्षकों को विभाग ने आज तक  नहीं दिए जिस कारण अपने विकलांग बच्चों को छात्रावास में छोडऩे आने वाले परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

ऐसा ही एक नजारा सोमवार को फ तेहपुर रेाड़ स्थित विकलांग छात्रावास में देखने को मिला। जहां जगराम आदिवासी निवासी ग्राम हरिजन गवा मोहनगढ़ विची अपनी पुत्री मंदा जो नेत्रहीन है को छात्रावास में प्रवेश दिलाने के लिए आया लेकिन उसे यहाँ रखने से मना कर दिया जबकि एक अन्य गिर्राज पुत्र पप्पू शाक्य निवासी भावखेड़ी सिरसौद भी अपने पुत्र को लेकर  छात्रावास में प्रवेश कराने के लिए आया लेकिन उसे भी यही जवाब दिया गया। जब इस संबंध में छात्रावास से जानकारी चाही तो उनका कहना था कि हमकों अभी तक किसी भी प्रकार का न तो फं ड दिया गया और न ही किसी प्रकार के कोई आदेश बच्चों को  छात्रावास में रखने के आदेश दिए गए। जबकि जिले के विशेष अध्यापक प्रदीप कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि अब इन परिजनों की परेशानी का जिम्मेदार कौन होगा? क्या यह बच्चों को इसी तरह से लाते ले जाते रहेंगे। उधर परिजनों ने भी परेशानी के लिए कलेक्टर महोदय से शिकायत करने का मन बनाया है।

इनका कहना
छात्रावास में बच्चों को ठहरने के आदेश व फंड न आने के चलते बच्चों के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी मुश्किल से तो परिजन बच्चो