मांगों को लेकर सहकारिता कर्मचारियों की कलम बंद हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

शिवपुरी-संपूर्ण प्रदेश भर में सहकारिता कर्मचारी महासंघ के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल पर चले गए है। स्थानीय कलेक्ट्रेट रोड पर टैंट तंबू में अपनी मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल पर मौजूद सहकारिता कर्मचारियों की मांग है कि उनकी समस्याओं का समाधान हो और लंबित मांगें पूर्ण की जावे।

यहां बता दें कि आगामी 25 मार्च से शिवपुरी अंचल में भी गेहॅंू खरीदी कार्य शुरू होना है ऐसे में सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल से गेहॅंू खरीदी में समस्या आएगी और सरकार की महत्वाकांक्षी रिकॉर्ड गेहॅंू खरीद को भी जोर का धक्का लग सकता है हालांकि सहकारिता कर्मचारियों ने अपनी इन मांगों को लेकर एक साथ संपूर्ण प्रदेश में हड़ताल कर यह संदेश  दे दिया है कि अब सहकारिता कर्मचारी झुकने वाले नहीं और अपनी मांगों को पूर्ण कराकर ही दम लेंगें। यह देखना होगा कि आगामी समय में इसके क्या परिणाम सामने आऐंगें।

मप्र सहकारिता कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह कुशवाह व सचिव बलराम शर्मा ने बताया है कि म.प्र.सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ भोपाल के तत्वाधान में संपूर्ण प्रदेश भर में अपनी विभिन्न मांगों के निराकरण के लिए सहकारिता कर्मचारी कलमबंद हड़ताल पर हैं। जहां इस हड़ताल की चेतावनी से पूर्व ही धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगों के बारे में भी प्रदेश सरकार व सहकारिता मंत्री को अवगत करा दिया था जिसके बाद सहकारिता कर्मचारी महासंघ को आश्ववासन दिया गया कि तीन दिवस के अंदर उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा लेकिन मांगें पूर्ण नहीं हुई और सहकारिता कर्मचारी महासंघ लामबंद होकर कलमबंद हड़ताल पर चले गए। 

हड़ताल का आज दूसरा दिन है और लगभग आधा सैकड़ा की संख्या में कर्मचारी धरना स्थल पर बैठे है। सहकारिता कर्मचारियों की मांग है कि प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं के कर्मचारियों के सेवा नियमों में छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसार संशोधन दिनांक 26 फरवरी को तिथि निर्धारित लागू किया जावे। समिति प्रबंधकों की भर्ती व्यापम के माध्यम नहीं कराई जावे, उप्र की भांति प्राथमिक साख संस्थाओं के कर्मचारियों के वेतन हेतु बजट बनाकर भुगतान की व्यवस्था जिला योजना समिति के माध्यम से कराई जावे एवं इन कर्मचारियों के स्थानांतरण की व्यवस्था विकासखण्ड व जिला स्तर पर किया जावे। 

कर्मचारियों के वेतन का निर्धारण करने आयोग का गठन किया जावे, संस्था की भुगतान क्षमता एवं सक्षमता के वर्तमान में प्रचलित मापदण्डों को शिथिल कर वेतनमान लागू किया जावे। हड़ताल में शामिल सहकारिता कर्मचारियों में दीपक गौड़, मुकेश रावत, माधुरीशरण, शीशिर जादौन, लक्ष्मण रावत, अर्जुन रावत, बृजकिशोर शर्मा, कैलाश दांगी, बृजेश धाकड़, राजाराम यादव, केशव राजपूत, देवेन्द्र जैन, विनोद रावत, चन्द्रप्रकाश ओझा, मुकेश श्रीवास्तव, बृजेश पाण्डे, विजय कुशवाह, बादामी लाल रावत, अशोक ओझा आदि सहित अन्य सैकड़ों कर्मचारी शामिल है। यहां बता दें कि इस हड़ताल से गेहॅंू खरीदी में रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य पाने के लिए प्रदेश सरकार का सपना भी चकनाचूर हो जाएगा क्योंकि सहकारिता कर्मचारी महासंघ हड़ताल पर है ऐसे में प्रदेश सरकार को कर्मचारी महासंघ की हड़ताल पर विचार-विमर्श कर उचित निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है।

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