स्थानांतरण के बाद भी शिवपुरी में डटी लेखापाल

शिवपुरी-शासन के नियमों की हठधर्मिता किस कदर ना केवल अधिकारी बल्कि अब तो कर्मचारी भी उड़ाने लगे है। इसी प्रकार का एक मामला शिवपुरी के आदिम जाति कल्याण विभाग का है जहां कार्यरत लेखापाल महिला के शिवपुरी से छिंदबाड़ा के लिए 12 दिसम्बर को कार्यभार मुक्त करते हुए रिलीव कर दिया गया लेकिन यह लेखापाल महिला आज भी अपने कार्यालय में विधिवत आकर कार्य करती नजर आ रही है।

जब इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारी संयोजक से चर्चा की जाती है तो उनका कहना है कि वह 15 साल का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए कार्यालय आती है और जब ये इतने वर्षों का भार अन्य लेखापाल को सौंप दिया जाएगा तो वे यहां से चली जाऐंगी वैसे उन्हें समयानुसार कार्यमुक्त कर दिया गया है। महिला लेखापाल के बुलंद हौंसलों का परिणाम है कि वह अपनी हठधर्मिता के बल पर कार्यालय में कार्य कर रही है। 

कार्यालय कलेक्टर आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र.भोपाल के आदेश क्रमांक/स्था.3-2/स्थानां.2012/न.क्रं.1155/14485 दिनांक 13 जुलाई 2012 के अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ लेखापाल महिला श्रीमती रामकली गहलोत का स्थानांतरण शिवपुरी से छिंदबाड़ा में किया गया था। जहां शासन आदेश के पालन में कार्यालयीन आदेश क्रमांक/3970-71 दिनांक 26 जुलाई 12 के अनुसार श्रीमती गहलोत को शिवपुरी से छिंदबाड़ा हेतु कार्यमुक्त किया गया था। 

इस संबंध में लेखापाल रामकली गहलोत ने उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक 5087/12 पर माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर का निर्णय श्रीमती गहलोत द्वारा 26 जुलाई 12 एवं कलेक्टर से प्राप्त 28 जुलाई 12 को कार्यालय में प्रस्तुत किया गया। जहां माननीय न्यायालय के निर्णय 23 जुलाई 12 के परिपालन में श्रीमती गहलोत को अपना अभ्यावेदन सक्षम अधिकारी(आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल) को प्रस्तुत करने हेतु  कार्यालयीन पत्र क्रं.3400 दिनांक 30 जुलाई के द्वारा सूचित किया गया था जहां श्रीमती गहलोत द्वारा अपने पत्र 6 अगस्त को कार्यालय में सूचित किया गया है कि उनके द्वारा अभ्यावेदन दिनंक 31 जुलाई 12 को आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र.भोपाल को प्रस्तुत किया है। 

जिसमें आयुक्त आदिवासी विकास मप्र भोपाल के पत्र कं्रं./स्था.3-2/स्थाना./1288/2012/25823-84 भोपाल दिनांक 12 दिसम्बर के पालन में आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल से श्रीमती गहलोत द्वारा अभ्यावेदन को अमान्य किया गया और उक्त आदेश के पालन में श्रीमती रामकली गहलोत लेखापाल को आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी से 12 दिसम्बर 12 को दोपहर पश्चात जिला शिवपुरी से सहायक आयुक्त आदिवासी विकास छिंदबाड़ भारमुक्त किया गया। इस प्रकार बीते 12 दिसम्बर को भारमुक्त हुई लेखापाल श्रीमती रामकली आज भी बदस्तूर कार्यालय में कार्य करती देखी जा सकती है यहां विभाग के वरिष्ठ अधिकरियों का ही संरक्षण इन्हें मिल रहा है जिससे शासन व न्यायालय के आदेश की अव्हेलना श्रीमती रामकली गहलोत कर रही है। इस ओर शीघ्र कार्यवाही की दरकार है अन्यथा शिवपुरी से छिंदबाड़ा इन्हें अपना पदभार संभाना चाहिए। 


इनका कहना है


हमने तो लेखापाल रामकली गहलोत को पहले ही भारमुक्त कर दिया है कार्यालय तो वो इसलिए आती है क्योंकि 15 साल का लेखाजोखा उन्हें अधीनस्थ कर्मचारी को सौंपना है जैसे ही कार्य समाप्त हो जाएगा वह यहां से चली जाऐंगी। लंबे कार्याकाल की वजह से देरी हो रही है। 

श्री खान
संयोजक
आदिम जाति कल्याण विभाग, शिवपुरी