रणवीर के बारे में तोमर को लेना है फैसला

शिवपुरी-शिवपुरी के भाजपा जिलाध्यक्ष सहित मप्र के अन्य 12 जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा को लेकर  चल रही अटकलों के बीच अब नए प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को ही यह फैसला लेना है कि इन 12 जिलों में भाजपा का जिलाध्यक्ष किसे बनाया जाए।

पिछले कई दिनों से लटके पड़े शिवपुरी भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम का निर्णय भी नरेन्द्र सिंह तोमर को ही लेना है इसलिए रणवीर के बारे में जो भी फैसला होगा। वह फैसला स्वयं नरेन्द्र सिंह तोमर को ही लेना है। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि अगले सप्ताह शिवपुरी भाजपा जिलाध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। इसके अलावा नरेन्द्र सिंह तोमर की नई टीम यानि की प्रदेश कार्य समिति की भी घोषणा कुछ ही दिनों में होने की संभावना है।   
 
शिवपुरी के हर भाजपा कार्यकर्ता की नजर जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा पर लगी है। पिछले डेढ़ महीने से आपसी खींचतान और गुटबाजी के कारण भाजपा की गतिविधियां भी थम सी गई है अब नए प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के बनने से ऐसी आशा है कि जल्द ही जिलाध्यक्ष  के बारे में फैसला हो जाएगा। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अगले सप्ताह में शिवपुरी सहित प्रदेश के शेष अन्य जिले जहां जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है उनकी घोषणा हो सकती है। शिवपुरी में अभी रणवीर रावत का नाम भाजपा जिलाध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे है। नरेन्द्र सिंह तोमर के नए प्रदेशाध्यक्ष बनने से ऐसी संभावनाऐं जताई जा रही है कि रणवीर रावत की ताजपोशी लगभग तय है। क्योंकि रणवीर रावत पिछले कई सालों से नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ ही जुटकर  उनके ही सानिध्य में राजनीति करते आ रहे है।
 

दिग्गाजों की खींचतान के कारण लटकी घोषण


पूरे मध्यप्रदेश में शिवपुरी ही ऐसा जिला नहीं है जहां जिलाध्यक्ष की घोषणा भाजपा में लटकी हो। शिवपुरी के अलावा 12 अन्य जिले शामिल है जहां जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं हो पाई है। भाजपा के राष्ट्र्रीय चुनाव प्रभारी सांसद थावरचंद गहलोत के गृह जिले शाजापुर में भी भाजपा नेताओं की आपसी गुटबाजी के कारण जिलाध्यक्ष की घोषणा का मामला लटका पड़ा है इसके अलावा नरेन्द्र सिंह तोमर के गृह जिले नगर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष की घोषणा यहां के भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा, अनूप मिश्रा, माया सिंह, कप्तान सिंह आदि के बीच एक राय ना बन पाने के कारण लटका पड़ा है। इसी तरह दमोह में हुई जयंत मलैया और अन्य नेताओं के बीच एक राय नहीं बन पा रही है। जिन जिलों में एक राय ना बन पाने के कारण मामला सुलट नहीं रहा है वहां अब सीधे तौर पर नरेन्द्र सिंह तोमर को ही फैसला लेना है और यह फैसला अगले सप्ताह तक हो सकता है।