शिवपुरी/ शहर में मुस्लिम संप्रदाय द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी हजरत इमाम हुसैन की शहादात को नगर के मुस्लिम संप्रदाय ने याद किया। जहां मुस्लिम संप्रदाय द्वारा भारतीय परंपरानुसार अलम(भारतीयता में नेजे) निकाला गया। जो स्थानीय इमामबाड़ा से प्रारंभ होकर नगर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए पुन: इमामबाड़ा पर पहुंचा।
मुस्लिम संप्रदाय द्वारा निकाले गए अलम के बारे में जानकारी देते हुए पूर्व पार्षद सफदर बेग मिर्जा एवं समाजसेवी अब्दुल रफीक खान अप्पल ने संयुक्त रूप से बताया कि मोहर्रम के इन दिनों में हजरत इमाम हुसैन को याद किया जाता है। मोहर्रम में निकाले जाने अलम के बारे में बताया कि हजरत इमाम हुसैन रजिं. एवं उनके साथियों द्वारा जो करबला शरीफ में युद्ध हो रहा था तभी वहां के बादशाह ने पानी रोक दिया और उनकी मासूम बेटी उस समय पानी के लिए बिलख रही थी तभी उसकी प्यास बुझाने के लिए हजरत अब्बास रजिं. मेहरे फरात(पानी लेने जाना) गए तो वहां से जब वे पानी ला रहे थे कि तभी बादशाह ने हजरत अब्बास के दोनों हाथ कटवा दिए फिर भी नहीं माने और अपने शरीर के बल पर पानी लेकर जाने लगी तभी वे पानी ले जाते वक्त शहीद हो गए। उन्हीं की शहादत में मोहर्रम पर अलम निकाला जाता है जिसमें मुस्लिम संप्रदाय बढ़-चढ़कर भाग लेता है। इस दौरान यह अलम सिपाईयन मोहल्ला से निकलकर, इमामबाड़ा से होता हुआ नीलगर चौराहा, यहां से होते हुए पुन: इमामबाड़ा पहुंचा। जहां हजरत इमाम की शहादत को याद किया।
Social Plugin