और फिर सम्मान को तरसता रहा गया जिपं सदस्य मंगलिया आदिवासी

शिवपुरी/बदरवास-आखिरकार ग्रामीण जनता की सेवा के लिए समर्पित होकर कार्य करने की प्रबल इच्छा अपनाए जिला पंचायत सदस्य मंगलिया आदिवासी की सुनवाई एक बार फिर से नहीं हो सकी। हुआ यूं कि गत दिवस बदरवास में खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेले का आयोजन किया गया। 

इस आयोजन में जिले के प्रभारी मंत्री के.एल.अग्रवाल सहित मंचासीन अतिथिगणों विधायक कोलारस देवेन्द्र जैन व अन्य प्रशासनिक अधिकारीगण मौजूद थे लेकिन इसी मंच पर अन्त्योदय मेले का लाभ पाने वाले ग्रामीणों की आशाओं पर खरा उतरने वाले जिला पंचायत सदस्य मंगलिया आदिवासी को मंच पर ठीक प्रकार से सम्मान नहीं किया। यही वजह है कि एक बार फिर से मंगलिया सम्मान को तरसते देखा गया। यहां गलती मंगलिया की नहीं बल्कि जिले के प्रभारी मंत्री व स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों की रही जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले जिला पंचायत सदस्य की उपेक्षा की। 

मंच पर सादगी भरे इस कार्यक्रम में अपनी उपेक्षा से आदिवासियों की गितनी में समझकर मंगलिया ने यह घूंट भी लिया लेकिन क्या प्रशासनिक व जिले के प्रभारी मंत्री को तनिक भी आभास नहीं हुआ कि ग्रामीणों की आवाज को बुलंद करने वाले जिला पंचायत सदस्य मंगलिया को सम्मान दिया जाए। यदि यही हाल रहा तो प्रदेश में आदिवासियों को विकास की कतार में कहां से लाऐंंगे? प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री की योजनाओं जो आदिवासी वर्ग के लिए सर्वाधिक है लेकिन उन्हीं के जनप्रतिनिधि को मंच पर सम्मान नहीं मिलता जिससे इन आदिवासियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है। यंू तो केन्द्र सरकार हो या प्रदेश सरकार हरिजन, आदिवासियों के उत्थान के लिए हमेशा प्रयास कर रहे है लेकिन ठीक उसी के विपरीत जिला पंचायत अध्यक्ष जितेन्द्र जैन गोटू की अनुपस्थिति में उनके स्थान पर वार्ड 19 से जिला पंचायत सदस्य मंगल आदिवासी को स्थान मिलना था पर उनका सम्मान करना तो दूर बल्कि ग्राम के सरपंच मंगलिया आदिवासी को मंच से एक फुट बिठा दिया गया। जिससे प्रदेश के प्रभारी मंत्री उनकी सुध लेना भूल गए। यहां यह मामला सबदूर चर्चा का विषय बना रहा।
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