शिवपुरी-शिवपुरी कलेक्टर आर के जैन पर उनका अधीनस्थ अमला भारी
पड़ रहा है। जिले में कलेक्टर प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के
लिए अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं मगर इन प्रयासों को उनका अधीनस्थ अमला
ही इसकी हवा निकालने में लगा है। गत दिनों शिवपुरी कलेक्टर ने गढ़ीबरौद और
बूढ़ीबरौद गांव में अपने निरीक्षण के दौरान सर्व शिक्षा अभियान और
एनआरजीएस के बजट से निर्माणधीन कार्यों में जमकर अनियमितता पाई थी।
इन अनियमितताओं के चलते कलेक्टर ने गढ़ीबरौद और बूढ़ीबरौद में निरीक्षण के बाद सर्व शिक्षा अभियान में पदस्थ उपयंत्री राजेन्द्र गुप्ता और आरईएस के उपयंत्री नवीन खरे, ए. ई. के खिलाफ कारवाई निर्देश दिए थे मगर एक सप्ताह गुजरने के बाद भी राज्य शिक्षा केन्द्र के जिला समन्वयक और आरईएस के ई. ई. ने इस मामले में प्रभावी कारवाई नहीं की है। कारवाई संबंधी फाईल कार्यालय में ही अटक गई है और मामले में लीपापोती की तैयारी है।
बूढ़ीबरौद और गढ़ीबरौद में करीब 50 लाख रूपये की लागत से बनाए जा रहे तालाब विस्तारीकरण के निर्माण कार्य में हुए गड़बड़ घोटाले के बाद कलेक्टर आरके जैन ने अपने निरीक्षण के दौरान स्वयं अपनी आंखों से देखा, इस तालाब विस्तारीकरण के काम में जमकर घोटाला और अनियमितता बरती गई। अपने निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को यहां अनियमितता मिलने पर उन्होंने तत्काल कारवाई करते हुए आर.ई.एस. के ई.ई. को इस मामले में संबंधित निर्माण कार्य को देखने वाले उपयंत्री नवीन खरे की सेवाऐं समाप्त करने, इस कार्य से जुड़े संबंधित ए.ई. को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे मगर अभी तक इन दोनों के खिलाफ कारवाई नहीं हो पाई है। आरईएस में निर्माण में अनियमितता बरतने वाला एक कॉकस इस कदर हावी है कि कलेक्टर के आदेश को भी नहीं मान रहा है। इसी तरह गढ़ीबरौद गांव में सर्व शिक्षा अभियान के तहत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के दौरान घटिया निर्माण मिलने पर संबंधित उपयंत्री राजेन्द्र गुप्ता की सेवा समाप्ति और गांव के सरपंच पर धारा 40 के तहत कारवाई के निर्देश डीपीसी शिरोमणी दुबे और आरईएस के ई.ई. को दिए गए थे। मगर इसमें भी कलेक्टर के आदेश का पालन अभी तक नहीं हुआ है। कलेक्टर द्वारा निरीक्षण का कार्य एक सप्ताह पहले किया गया था मगर कारवाई अभी तक किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी पर नहीं की गई है।
इन अनियमितताओं के चलते कलेक्टर ने गढ़ीबरौद और बूढ़ीबरौद में निरीक्षण के बाद सर्व शिक्षा अभियान में पदस्थ उपयंत्री राजेन्द्र गुप्ता और आरईएस के उपयंत्री नवीन खरे, ए. ई. के खिलाफ कारवाई निर्देश दिए थे मगर एक सप्ताह गुजरने के बाद भी राज्य शिक्षा केन्द्र के जिला समन्वयक और आरईएस के ई. ई. ने इस मामले में प्रभावी कारवाई नहीं की है। कारवाई संबंधी फाईल कार्यालय में ही अटक गई है और मामले में लीपापोती की तैयारी है।
बूढ़ीबरौद और गढ़ीबरौद में करीब 50 लाख रूपये की लागत से बनाए जा रहे तालाब विस्तारीकरण के निर्माण कार्य में हुए गड़बड़ घोटाले के बाद कलेक्टर आरके जैन ने अपने निरीक्षण के दौरान स्वयं अपनी आंखों से देखा, इस तालाब विस्तारीकरण के काम में जमकर घोटाला और अनियमितता बरती गई। अपने निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को यहां अनियमितता मिलने पर उन्होंने तत्काल कारवाई करते हुए आर.ई.एस. के ई.ई. को इस मामले में संबंधित निर्माण कार्य को देखने वाले उपयंत्री नवीन खरे की सेवाऐं समाप्त करने, इस कार्य से जुड़े संबंधित ए.ई. को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे मगर अभी तक इन दोनों के खिलाफ कारवाई नहीं हो पाई है। आरईएस में निर्माण में अनियमितता बरतने वाला एक कॉकस इस कदर हावी है कि कलेक्टर के आदेश को भी नहीं मान रहा है। इसी तरह गढ़ीबरौद गांव में सर्व शिक्षा अभियान के तहत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के दौरान घटिया निर्माण मिलने पर संबंधित उपयंत्री राजेन्द्र गुप्ता की सेवा समाप्ति और गांव के सरपंच पर धारा 40 के तहत कारवाई के निर्देश डीपीसी शिरोमणी दुबे और आरईएस के ई.ई. को दिए गए थे। मगर इसमें भी कलेक्टर के आदेश का पालन अभी तक नहीं हुआ है। कलेक्टर द्वारा निरीक्षण का कार्य एक सप्ताह पहले किया गया था मगर कारवाई अभी तक किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी पर नहीं की गई है।
मामले को रफा-दफा करने की कोशिश
गढ़ीबरौद में तालाब निर्माण में अनियमितता मिलने और सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत अतिरिक्त कक्षों के निर्माण में घपला मिलने पर कलेक्टर ने स्वयं आगे आकर कारवाई के निर्देश दिए थे मगर अब इस घपले में लिप्त आरईएस के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले को रफा-दफा करने में लगे हैं। इसके अलावा सर्व शिक्षा अभियान में भी यही कहानी है। सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर के निर्देश पर सात दिन में भी जो कारवाई नहीं हुई उसमें लेट-लतीफी आरईएस के एम एस यादव दिखा रहे हैं। अभी तक जांच प्रतिवेदन और कारवाई संबंधी रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है।