ट्रेफिक पुलिस ने की नौनिहालों की चिंता

शिवपुरी- जुलाई सत्र में शुरू हुए शिक्षण सत्र की शुरूआत से ही यातायात विभाग ने विद्यालयीन बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अभियान शुरू किया है। इस अभियान की शुरूआत बीते तीन दिनों से जारी है जहां यातायात महकमा अलग-अलग स्थानों पर खड़े होकर प्रात: स्कूल जाने वाले स्कूली वाहनों का रोककर उनके कागजी व फिटनेस, लायसेंस आदि जांच कर रहा है।

इस अभियान में दर्जनों बसें कार्यवाही की जद में आई है जिन्हें यातायात कार्यालय में खड़ा किया गया। यातायात प्रभारी कविन्द्र सिंह चौहान ने इस अभियान की रूपरेखा बताते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता यही कारण है कि आए खटरा वाहनों में सवार बच्चों का जीवन खतरे में होता है इसलिए ऐसे वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए अभियान छेड़ा है। इससे लगता है कि अब देर सही यातायात विभाग व अधिकारियों को कम से कम नौनिहालों की चिंता तो आई।

यहां बता दें कि जिला यातायात विभाग शिवपुरी के प्रभारी कविन्द्र सिंह चौहान का मानना है कि यदि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखना है तो इसके लिए सवंबंधित स्कूली बसों को पहले फिट रखा जाए अन्यथा ऐसी बसों के विरूद्ध न केवल कार्यवाही बल्कि इन्हें राजसात कर लेना चाहिए। इसी क्रम में बीते तीन दिनों से यातायात विभागने स्कूली बसों के विरूद्ध मोर्चा खोल रखाा है। 

जिसमें शुक्रवार को कार्यवाही के दौरान तीन स्कूली बसों को जब्त करइनके विरूद्ध कार्यवाही की गई। शुक्रवार के रोज स्वयं यातायात प्रभारी कविन्द्र सिंह चौहान ने अपनी उपस्थिति में गुस्द्वारा क्षेत्र से निकलने वाली स्कूली बसों का निरीक्षण किया और इनमें मौजूद बच्चों की उपस्थिति व बस की यथास्थिति का जायजा लिया। जिसमें कई बसों में खामियां मिली जिनके कागजातों में कमी पाए जाने पर इन्हें यातायात विभाग कार्यालय में रखवाया गया। 

यातायात प्रभारी कविन्द्र सिंह चौहान ने सभी स्कूली संचालकों से आग्रह किया है कि नियमानुसार स्कूली बसों को नियंत्रण में और मय दस्तावेजों के साथ अन्यथा की स्थिति में कमी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही संस्थित कीजाएगी। अभी तक की गई कार्यवाही में यातायात विभाग ने लगभग 20 हजार के लगभग राजस्व आय में वृद्धि की है यहां पकडी गई सभी बसों को कार्यालय में जब्त करतें हुए इन्हें न्यायालय से जुर्माना अधिरोपित होने के बाद ही छोड़ा गया। यातायात विभाग द्वारा इस कार्यवाही को जहां कई लोगों ने सराहा तो कईओं ने इसका विरोध भी किया है। जिसके चलते बसें ना चलने से बच्चों के अभिभावको को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।