मुख्यमंत्री सड़क योजना में घपला

शिवपुरी. जिले में मुख्यमंत्री सड़क योजना में फर्जी मस्टर रोल के जरिये फर्जीबाड़ा किया जा रहा है। जिले में सड़क निर्माण के लिए आये बजट  में ग्रामीण यांत्रिकीय विभाग के एसडीओ और इंजीनियर जमकर सैधमारी कर रहे हैं। घपलेबाजी का दौर इस कदर चल रहा है कि सड़क निर्माण में फर्जी बिल और मस्टर रोल ऐसे नामों से भरे जा रहे हैं जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। जिले के पोहरी, करैरा, पिछोर, नरवर और शिवपुरी विकासखण्ड में यह घपला चरम सीमा पर है। मुख्यमंत्री सड़क योजना में मनरेगा के बजट का उपयोग किया जा रहा है और इसी बजट में फर्जीबाड़ा आरईएस के अधिकारी कर रहे हैं। यहां चल रहे घपले की किसी एजेंसी से निष्पक्ष जांच हुई तो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आ सकता हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों के निर्माण के दौरान लाल मिट्टी मुरम डालने के कार्य में जमकर फर्जी बाड़ा चल रहा है। फर्जी मस्टर रॉल के माध्यम से मिट्टी डालने का काम दिखाया जा रहा है। जबकि यह मिट्टी ग्रामीण क्षेत्र के आसपास से ही निकालकर ही सड़क निर्माण में लगाई जा रही है। सड़क निर्माण के दौरान प्रतिदिन मजदूरी और ट्रेक्टर ट्राली के जरिये मिट्टी डालना दर्शाया जा रहा है। जबकि मेजरमेंट के अनुसार इतनी मिट्टी कार्य स्थल पर डाली ही नहीं जा रही है। सड़क निर्माण में जो फर्जीबाड़ा चल रहा है वह आरईएस के एसडीओ और उपयंत्रियों की सांठगांठ के जरिये किया जा रहा है। फर्जी कागजात लगाकर यह भुगतान लिया जा रहा है। जिले में करोड़ों रूपए की लागत से मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत एक सैकड़ा से अधिक ग्राम पंचायतों में रोड़ डालने का काम चल रहा है।

मनरेगा में भ्रष्टाचार

आरईएस के अधिकारी मनरेगा के बजट को मुख्यमंत्री सड़क योजना में लगा रहे हैं और इसी बजट में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। फर्जी मेजर मेंट दिखाकर लाल मिट्टी मुरम अधिक डालना दिखाई जा रही है। जबकि रोड़ निर्माण में इतनी मिट्टी डाली नहीं जा रही है। फर्जी मस्टर रोल के माध्यम से अपने लोगों के नाम इस मस्टर रोल में दर्शाये जाते हैं और उनके नाम से यह फर्जी भुगतान निकाला जा रहा है। आरईएस में पूरा एक गैंग काम कर रहा है जो इस तरह के फर्जी बाड़े को अंजाम दे रहा है।

बिना टेण्डर के डाली जा रही लाल मिट्टी!

मुख्यमंत्री सड़क योजना में लाल मिट्टी मुरम डालने का जो कार्य चल रहा है। उसके टेंडर क्यों नही हुए यह जांच का विषय हैं। सड़क निर्माण के दौरान जो मिट्टी डाली जा रही है वह मिट्टी कार्य स्थल से कितनी दूर से लाई जा रही है। इसके बारे में फर्जी बाड़ा कर कागज तैयार किए जा रहे हैं। कार्य स्थल के आसपास से ही खंती के माध्यम से मिट्टी निकालकर लेबल किया जा रहा है। कागजों में ट्रेक्टर ट्राली और मजदूरों से मिट्टी निकलबा कर दर्शाया जाकर आरईएस के अधिकारी इस फर्जी बाड़े को अंजाम दे रहे हैं।

फर्जी मस्टर रोल से हो रहा भुगतान

आरईएस में पिछले दिनों मुख्यमंत्री सड़क योजना में फर्जी मस्टर रोल भरकर ऐसे लोगों के नाम से भुगतान निकाला गया है जिनका का कोई अस्तित्व नहीं है। आरईएस के एसडीओ और इंजीनियरों ने अपने खास लोगों के नाम यह फर्जी भुगतान निकाला है। वित्तीय वर्ष के मार्च माह के अंतिम सप्ताह में तो फर्जी मेजर मेंट दर्शा कर लाखों रूपए का फर्जी भुगतान निकाला गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ विजय शर्मा व कर्मचारी कांग्रेस के राजेन्द्र पिपलौदा ने जिलाधीश से मांग की है कि इस मामले की जांच कराई जाए और मार्च माह में जो भुगतान निकाला गया है उसका वास्तिविक आंकलन कराया जाए। जमीनी स्तर पर क्या वाकई में इतना काम हुआ कार्य की जांच कराई जाए।