मारा गया डाकू इंदर आदिवासी

राजू(ग्वाल)यादव
शिवपुरी-विगत लंबे समय से शिवपुरी अंचल डकैत विहीन नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि आए दिन कोई ना कोई नया गिरोह अथवा पुराने डकैतों किसी अपहरण या अन्य कोई घटना को अंजाम देकर पुलिस की तो मुसीबतें बढ़ा ही रहे है। वहीं इन आपराधिक घटनाओं से आमजन में भी डकैतों का खौफ बरकरार रहा है। लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली के चलते समय-समय पर कई डकैतों को मार भी गिया जिससे शहर में शांत वातावरण का माहौल निर्मित किया। इसी क्रम में एक बड़ी सफलता पुलिस सतनबाड़ा को मिली। यहां पुलिस ने ईनामी डकैत सुंदर आदिवासी को मार गिराया और इससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
विदित हो कि अभी कुछ समय पूर्व ही डकैत पप्पू ने अपहरण की वारदात को अंजाम देकर पुलिस की नाक में दम कर दिया था। जहां सुपरवाईजर जैसे-तैसे छूटकर वापस आ गया तो पुलिस ने भी कुछ हद तक राहत की सांस ली। फिर भी पुलिस डकैतों के पीछे पड़ी रही और स्वयं पुलिस अधीक्षक ने घने जंगलों के बीच कैम्प कर डकैतों के खात्मे के लिए सर्चिंग अभियान जारी रखा। जिसमें एक बड़ी सफलता आज सतनबाड़ा पुलिस को मिली। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि सतनबाड़ा के जंगलों में ग्राम चांड की तरफ से पवा पचपेडिय़ा की तरफ डकैत गिरोह चहलकदमी कर रहा है। मुखबिर की इस सूचना को एड.एसपी श्री राजपूत ने गंभीरता से लिया और इस डकैत गिरोह को पकडऩे के लिए दो टीमें बनाई। 

जिसमें एक टीम कमान स्वयं श्री राजपूत ने संभाली जबकि दूसरी टीम की कमान एडी स्पेशिलिस्ट टी.आई. बदरवास रत्नेश सिंह तोमर को सौंपी गई। दोनों टीमों अपने-अपने बल के साथ रक्षित केन्द्र पहुंचे और मुखबिर के बताए दिशा निर्र्देश जंगल में सर्चिंग की। जहां दोनों टीम मड़ीखेड़ा रोड से वाहन छोड़कर पैदल-पैदल जंगल में मुखबिर के बताए स्थान रायपुर जंगल तालाब के आगे गोल पहाडिय़ा पर पहुंचे। यहां पुलिस  ने गिरोह को घेरने के लिए दो रास्तों को चुना एक रास्ते पर एड.एसपी तो दूसरे पर रत्नेश तोमर अपने बल के साथ डटे हुए थे। तभी रात्रि लगभग 02:00 बजे पुलिस को जंगल में डकैतों की आपस में चर्चा करते हुए कुछ आवाजें सुनाई दी जिस पर डकैत गिरोह किसी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। इस पर पुलिस ने जब उन्हें घेर लिया तो सरेण्डर करने को कहा जिस पर डकैत गिरोह ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। दोंनो ओर से हुई फायरिंग चल ही रही थी कि तभी कुछ देर बाद डकैत गिरोह से फायरिंग बंद हो गई। 

जब मौके पर पहुंचकर पुलिस ने देखा तो पाया कि पुलिस की फायरिंग से 25000 रूपये का ईनामी डकैत इंदर आदिवासी मारा गया। इस मृत डकैत के पास से पुलिस ने 303 बोर की रायफल मिली एवं उसके कमर में बंधे बिण्डोरिए से 49 जिंदा कारतूस 303 बोर के मिले। पुलिस ने धाराशायी डकैत के पास से एक बैैग भी पाया जिसमें एक मोबाईल, सोलर चार्जर एवं दैनिक उपयोग की सामग्री मौजूद थी। वहीं जांच के दौरान पुलिस को थोड़ी ही दूरी पर एक बंदूक 315 बोर की मिली जो पुलिस के जबाबी फायरिंग से भाग गए जो डकैतों की है। मुठभेड़ के दौरान पुलिस द्वारा आत्मसुरक्षार्थ 96 राउण्ड फायर किए गए जबकि डकैतों द्वारा लगभग 50 राउण्ड फायर किए गए। उक्त घटना के संबंध में थाना सतनबाड़ा जिला शिवपुरी में अपराध क्रमांक 7/12 धारा 307/34 ता.हि.,25/27 आम्र्स एक्ट, 11/13 एम.पी.डी.पी.के. एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में ले लिया गया है। पुलिस को मिली इस सफलता पर पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह ने पुलिस टीम को बधाई दी।

इन्होंने निभाई भूमिका 
आतंक का पर्याय बन चुके 25 हजार के ईनामी डकैत इंदर आदिवासी को मुठभेड़ के दौरान मार गिराने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत की सूझबूझ काम आई। जहां उन्होंने मुखबिर की सूचना को गंभीरता से लिया और दो टीमों का गठन कर डकैतों के खात्मे की रणनीति बनाई। इस डकैत को मार गिराने में जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उसमें एडशिनल एसपी यशपाल राजपूत, बदरवास नगर निरीक्षक एडी स्पेशिलिस्ट रत्नेश तोमर, स.उ.नि.मसीह खान, स.उ.नि.बृजमोहन रावत, प्रआर महेश एवं आर.वीरेन्द्र, भूपेन्द्र सिंह, शेर सिंह  ने अपनी जान की परवाह न करते हुए वीरता, अदम्य साहस तथा सूझबूझ का परिचय देकर अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया और इस सफलता को पाया।

मिला एडी स्पेशिलिस्ट का लाभ 
बीते लंबे समय से शिवपुरी में डकैतों के खात्मे के लिए यूं तो पुलिस अधीक्षक शिवपुरी आर.पी. सिंह द्वारा प्रयास जारी थे फिर भी  यहां एडी स्पेशिलिस्टों की आवश्यकता समय-समय पर महसूस हो रही थी। यही कारण है कि शिवपुरी से स्थानांतरित होकर बालाघाट पहुंचे टीआई रत्नेश तोमर को शिवपुरी वापस बुलाए जाने के लिए जोर दिया जा रहा था और फिर शिवपुरी में बदरवास की कमान संभालने के दौरान रत्नेश तोमर को एडी टीम में शामिल किया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि आज पुलिस को मिली इस सफलता पर एडी स्पेशिलिस्ट रत्नेश तोमर की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिन्होंने अपने प्रयासों से 25 हजार के ईनामी डकैत इंदर आदिवासी को धारााशायी करने में सफलता प्राप्त की।

ऐसे बना डकैत इंदर 
सतनबाड़ा के जंगलों में पुलिस ने जिस 25 हजार के ईनामी डकैत इंदर आदिवासी को मार गिराया। वह पहले डोंगर पत्थर खदान पर काम करता था। यहां एक हत्या की वारदात के बाद इस डकैत ने अपने आपराधिक जीवन की शुरूआत की। जिसमें कई हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, अपहरण, अवैध वसूली, डकैती जैसी गंभीर घटनाओं को अंजाम दिया। शुरू से की कम बोलचाल व अशिक्षित होने के चलते बीड़ी-सिगरेट का सेवन इंदर करता था। डकैत बनने के बाद इंदर अपने पास 12 बोर की बंदूक साथ रखता था। इसके बाद इंदर की बढ़ती घटनाओं को देखकर पुलिस महानिदेशक भोपाल से इसके ऊपर 25 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया था।

ये है डकैत इंदर के साथी 
जंगल में रहकर डकैती गतिविधियों को अंजाम देने वाले इंदर आदिवासी ने पप्पू गुर्जर का हाथ थामा। जिसके बाद इंदर के साथ इस गिरोह में पप्पू पुत्र रतीराम गुजर निवासी बहराई थाना निरार जिला मुरैना, मुन्ना पुत्र भग्गू उर्फ भुजवल सिंह आदिवासी निवासी ग्राम रामपुरा थाना आरोन जिला ग्वालियर, रामकिशन पुत्र खचेरा आदिवासी निवासी वर्धखेड़ी थाना सतनबाड़ा जिला शिवपुरी शामिल रहे। इन सभी के साथ इस डकैत गिरोह ने पूर्व में बम्हारी क्षेत्र से तीन व्यक्तियों का अपहरण की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद मोहना में एक दवा व्यापारी का अपहरण भी किया। आए दिन डकैती गतिविधियों को अंजाम देने के दौरान गिरोह में आपस में ही मुंहवाद हो गया और कुछ समय पूर्व इंदर आदिवासी पप्पू गुर्जर गिरोह से अलग हो गया और तीन सदस्यों के साथ मिलकर एक नया गिरोह तैयार किया। यह गिरोह किसी अपहरण की घटना को अंजाम देने ही वाला था कि उससे पहले ही पुलिस मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने 25 हजार के ईनाम इंदर आदिवासी को मार गिराया और इसके दो अन्य डकैत साथी जंगल में पुलिस के हाथ से भाग निकलने में सफल हो गए।

ये है अपराधों की सूची 
पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारे गए डकैत इंदर आदिवासी को मौत के घाट उतारने के पहले इस डकैत पर दर्जनों संगीन अपराध विभिन्न पुलिस थानों में पंजीबद्ध थे। जिसमें सुरवाया थाने में अपराध क्रं.45/10 पर धारा 307, 147,148,149, ता.हि.25/27, आम्र्स एक्ट 11/13 एमपीडीपीके एक्ट इजाफा धारा 302 ता.हि., ईसागढ़ थाना जिला अशोकनगर में अपराध क्रं.281/10 पर धारा 395,397 ता.हि.25/27, आम्र्स एक्ट 11/13 एमपीडीपीके एक्ट, पुलिस थाना सुभाषपुरा में 71/11 पर धारा 364क, 48 ता.हि. 11/13 एमपीडीपीके एक्ट, पुलिस थाना नरवर में अप.क्रं.36/11 पर धारा 364क,ता.हि.11/13 एमपीडीपीके एक्ट, थाना बम्हारी में अप.क्रं.1/11 पर धारा 342,294,323,506 बी ता.हि., थाना छर्च में अप.क्रं.24/11 पर धारा 364क,ता.हि.11/13 एमपीडीपीके एक्ट, थाना सेसईपुरा जिला श्योपुर में अप.क्रं.1/11 पर धारा 302,147,148,149,120 बी.ता.हि., थाना सेसईपुरा जिला श्योपुर में अप.क्रं.20/11 पर धारा 147,148,307 ता.हि., सेसईपुरा जिला श्योपुर में अप.क्रं.21/11 पर धारा 323,294,341,506बी ता.हि., थाना बम्हारी जिला शिवपुरी में  अप.क्रं.18/11 धारा 364क, 34 ता.हि.11/13एमपीडीपीके एक्ट, थाना मोहना जिला ग्वालियर में अप.क्रं.189/11 पर धारा 364क ता.हि. 11/13 ड.अधि., थाना करहिया जिला ग्वालियर में अप.क्रं.117/11 पर धारा 307 ताहि, 25/27 आम्र्स एक्ट, 11/13 ड.अधि. आदि सहित अन्य मामले पंजीबद्ध है।

क्या कहते है पुलिस अधीक्षक-
हमने डकैतों के खात्मे के लिए सर्चिंग अभियान जारी रखा था इस दौरान पता चला कि डकैत गिरोह जंगल में घूम रहा है जिस पर तत्काल एडशिनल एसपी यशपाल सिंह राजपूत को इस डकैत गिरोह के खात्मे के लिए टीम बनाकर कार्य किया और सफलता हासिल हुई जिसमें 25 हजार का ईनामी डकैत इंदर आदिवासी को मार गिराया। डकैतों के खात्मे के लिए सर्चिंग अभियान जारी रहेगा।
आर.पी. सिंह
पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी