बंद नही हो रही है सीएमएचओ की यमराज एक्सप्रेस

एक्सरे@ललित मुदगल/शिवपुरी। हमारी हिन्दू संस्कृति में देवी देवाताओ के अपने-अपने प्रभार है। बरसात का विभाग इंद्र के पास है। इसी प्रकार वायु के पवन देवता, अग्रि के लिए अग्रि देवता, धन के लिए कुबेर देवता, और घर ग्रहस्थी आगे बढ़ाने के लिए कामदेव और पहले आकाशवाणी हुआ करती थी, अब सरकार ने पूरा अकाशवाणी विभाग बना दिया। इसी प्रकार मृत्यु के लिए यमराज का एक अलग देश और विभाग है, लेकिन शिवपुरी में यमराज का रोल प्ले कर रहे है शिवुपरी के सीएमएचओ और इनके दूत हैं झोलाछाप डॉक्टर। 

जिले में इस समय पूरे 600 से 700 छोपाछाप डॉक्टर है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश भी दिया है कि झोलाछाप डॉक्टरो की प्रेक्टिस पर रोक लगे। और इसके लिए प्रशासन कार्रवाई भी करे लेकिन शिवपुरी में यमराज एक्सप्रेस के आगे सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी कोमा में है। 

ऐसा नही है कि शिवुपरी प्रशासन को इन छोलाछाप डॉक्टरो की जानकारी नही है, पूरी की पूरी जानकारी है। सीएमएचओ ऑफिस में पूरी की पूरी लिस्ट इन डॉक्टरो की उपलब्ध है कार्यवाही करने के लिए नही वरन प्रत्येक माह वसूली के फोन लगाने के लिए। चाहें तो डीटेल्स निकलवा लीजिए। 

बताया जा रहा है कि किसी डॉक्टर पर आयुर्वेद का रजिस्ट्रेशन है। और किसी पर किसी और तरह की डिग्री है। और कई डॉक्टर अपनी पैथी बदल कर भी ईलाज कर रहे है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ऐसे रजिस्ट्रेशन धारी डॉक्टर किसी भी तरह का इलाज नही सकते है। 

इस समय शहर में मौसमी बीमारीयां अपने चरम पर है। इन छोलाछाप डॉक्टरो की लूट पूरी ताकत के साथ चल रही है। दवाई मे कमीशन और जांच के नाम पर भी कमीशन का खेल भी यह डॉक्टर खेलते है। इसके आलावा इनकी स्वयं की जंाच लैबे भी संचालित है।

यह प्रमाणित हुआ था जब कोलारस के छोलाछाप डॉ.मोहन धाकड की क्लीनिक पर प्रशासन ने छापा मारा था। तो क्लीनिक के अंदर पूरी की पूरी बिना लाईसैंस मेडिकल स्टोर के साथ-साथ जांच करने के उपकरण वो भी खराब जांच के नाम पर सिर्फ मरीजो को लूटा जा रहा था। 

प्रशासन सिर्फ देखने-दिखाने को कार्रवाही करता है। साल भर में आंकड़ों के लिए 1 दर्जन केस बनाए जाते है। फिर वही डॉक्टर भी बडे शान से अपनी क्लीनिक खोल कर बैठता है। इसके उदाहरण भी कई  है इस जिले में। इस पूरे खेल में प्रशासन की पूरी मिली भगत है। हर माह इन डॉक्टरो से तयशुदा रकम ली जाती है। 

बताया यह भी जा रहा है कि शिवपुरी के करीब 600 डॉक्टरो से हर माह पूरे सिस्ट ा से बसूली की जाती है। और यह रााशि पूरे प्रशासन में बांटी जाती है। हर माह लाखो की वसूली इन डॉक्टरो से लेने की खबरें आ रही है।  वसूली लेने के ऐवज में इन डॉक्टरो को एक आम इंसान को मारने का लाईसैंस विभाग अंदरूनी तौर पर जारी कर देता है। कुल मिलाकर शिवपुरी में खुले रूप से सीएमएचओ की यमराज एण्ड प्राईवेट पूरे आन-बान शान के साथ चल रही है। 

ऐसे सिद्व होता है कि होती है वसूली
कोलारस में करीब 2 साल पूर्व चांदसी डॉक्टर के यहां प्रशासन ने छापा मारा था उसकी दुकान सील कर दी गई थी। लेकिन 1 ह ते बाद उस डॉ. की दुकान फिर खुल गई। मात्र 1 ह ते में उस डॉ.पर कैसे डिग्री आ गई। अगर वह नियम से प्रेक्टिस कर रहा था तो उसकी दुकान को सील क्यो की?

दूसरा उदाहरण पोहरी का आता है। पोहरी के एक धाकड छोलाछाप डॉक्टर ने एक आदिवासी बच्ची को उसी तरह मार दिया था जैसे यमराज की दूत किसी के भी  प्राण हर लेते है। इस केस में फर्क इतना था कि यह यमराज के दूत यह डॉक्टर था जिसने एक इजेक्शन लगाते ही इस आदिवासी बच्ची के प्राण ले लिए थे। इस डॉक्टर पर कार्यवाही भी हुई,लेकिन वर्तमान में यह डॉक्टर प्रेक्टिस एक इंसानी जान लेने के बाद भी कर रहा है।

कर रहा है। ऐसे तमाम उदाहरण और है जिससे यह सिद्व होता है कि इन छोलाछाप डॉक्टरो से वसूली की जाती है। और इसके ऐवज में इन्है यमदूतो का काम सौपा जाता है। 

प्रशासन चाहे तो एक दिन में इन 600 छोलाछाप डॉक्टरो की दुकाने बंद करा सकता है। पूरा का पूरा भारी भरकम अमला है प्रशासन के पास। लेकिन यह डॉक्टरो की दुकाने बंद हो गई तो शिवुपरी की यमराज एण्ड  प्राईवेट बंद हो जाऐगी। फिर लाखो की वसूली कैसे होगी अब आप स्वयं समझदार है................................इसी कारण इनको यम के दूतों का कार्य प्रशासन ने ईलाज के नाम पर सौपा गया है।