उत्कृष्ट विद्यालय करैरा में चपरासियों का खौफ, कलेक्टर से लगाई गुहार

करैरा। सरकारी मशीनरी में सबसे कमजोर सा आदमी दिखता है चपरासी। उसकी बेचारे की हैसीयत आप स्वयं भी जानते। अधिकारियों की रिश्वत चाहे लाखो में पहुच गई हो परन्तु चपरासी अभी भी चाय पानी पर ही अटका है। कुल मिलाकर सरकारी ऑफिस में सबसे दयनीय और कमजोर चपरासी ही माना जाता है लेकिन करैरा के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में पदस्थ 2 चपरासियों के कारण स्कूल की प्राचार्या सहित समस्त स्टाफ खोफज़दा है। बताया जा रहा है कि इन चपरासियों के खौफ से बचने के लिए स्कूल का स्टाफ शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित कलेक्टर शिवुपरी तक से इनसे बचने के लिए गुहार लगा चुका है। 

शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय करैरा में पदस्थ  दो चपरासीयों से यहाँ की प्राचार्य सहित स्टाफ के अन्य शिक्षक अपने यहाँ के चपरासियों के अभद्रता के शिकार कई बार हो चुके हैं।

जिसकी शिकायत वे लिखित व् मौखिक रूप से अपने उच्च अधिकारीयों से शिकायत कर चुके लेकिन आज दिनांक तक भी बिभाग द्वारा दोषियों के विरुद्ध  कोई ठोस कार्यवाही न होने से शिक्षकों में असुरक्षा का माहोल बना हुआ है।

ज्ञात हो की उत्कृष्ट विद्यालय करैरा में  पदस्थ दो चपरासियों बद्री प्रसाद केवट  व श्रीमती मुन्नीबाई केवट दवारा परीक्षा  के दौरान  संकुल प्राचार्य श्रीमती साधना माथुर से  पूर्व में अभद्रता व गालीगलौच कर चुके हैं  जिसके चलते दोनों को निलंबित कर दिया गया । 

दोनों ने प्राचार्य के खिलाफ उच्च न्यायलय में जातीय भेदभाव का केस किया जो बाद में मिथ्या साबित हुआ इसी क्रम में की गई जाँच में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ग्वालियर के समक्ष दोनों दोषी साबित होने के बाद संयुक्त संचालक द्वारा स्पस्ट आदेशित किया गया कि़ दोनों अनुशासन हीनता के आदी हैं इसलिए दोनों को एक ही संस्था पर नहीं रखा जाये परंतु जिला शिक्षाधिकारी  द्वारा दोनों को पुन: उसी संस्था पर बहाल कर दिया गया। 

लेकिन जब संकुल प्राचार्य द्वारा आपत्ति दर्ज की गई तो आनन फानन में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अन्य आदेश तक दोनों की व्यस्था अन्य संस्थाओं में कर दी पर पद स्थापना एवम् वेतन व्यस्था नहीं बदली ज्ञातव्य है कि ऐसी व्यस्थायें कभी भी समाप्त की जा सकती हैं।

और दोनों पुन: उसी संस्था पर आ सकते हैं। जिससे फिर से विद्यालय में वह प्राचार्य सहित स्टाफ के अन्य शिक्षकों को परेसान कर सकते हैं। इस स पूर्ण घटनाक्रम में जिला शिक्षाधिकारी का ढुलमुल रवैया कई प्रकार के सवाल खड़े करता है।

इनका कहना है 
हम अपनी समस्या को लेकर कलेक्टर महोदय से मिले थे लेकिन अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकला है जिससे मुझ में व स्टाफ के अन्य सदस्यों में भय का माहोल बना हुआ है।
साधना माथुर 
प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय करैरा