बैराड की हर्षिता गुप्ता और 13 छात्राएं बाढ में फंसी, हैलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला

शिवपुरी। जिले के बैराड़ तहसील मेें रहने वाली मेडिकल की छात्रा अपने हॉस्टिल रिवा जिले में अपने सहपाठियों सहित  बाढ में फस गई थी। बताया गया है कि उक्त छात्रा ने अपने साथियों सहित पूरे 48 घटें तक सघर्ष करा। जब कही से मदद नही मिली तो शिवपुरी की मिडिय़ा आगे आई जब जाकर इन छात्राओ को हैलीकॉप्टर की मदद से निकाला गया। 

बैराड की रहने वाली हर्षिता गुप्ता विगत वर्ष से आयुर्वेद कॉलेज रीवा में पढ़ाई कर रही है। चूंकि कॉलेज में पढ़ाई करने वाली अधिकतर छात्राओं को अन्य जगह हॉस्टल में रहना पड़ता है इसलिए हर्षिता भी मुस्कान हॉस्टल निपोनिया कॉलोनी में रह रही थी। उसके साथ अलग-अलग शहरों में निवास करने वाली 13 से अधिक सहपाठी भी थीं। 

विगत दिनों हॉस्टल संचालक हॉस्टल का ताला लगाकर किसी कार्य हेतु शहर से बाहर गए हुए थे उसी दिन रात्रि में जमकर पानी बरसा। पानी इतना अधिक था कि हॉस्टल की पहली मंजिल डूब गई जिसके चलते सभी छात्राएं दूसरी मंजिल पर पहुंच गई। हॉस्टल में रखा हुआ खाने-पीने का सारा सामान पहली मंजिल में ही था जो बाढ़ की स्थिति में बह गया। दूसरी मंजिल पर पहुंची इन बालिकाओं के पास कोई भी खाने पीने का सामान नहीं था।

दिनभर भी बारिश का सिलसिला थमा नहीं और पानी दूसरी मंजिल में भी आ गया जिसके चलते ये सभी बालिकाएं छत पर पहुंच गई और मदद की गुहार लगाने लगीं। हालांकि इस क्षेत्र के आसपास इक्का-दुक्का ही मकान बने हुए थे जिसके कारण इनकी आवाज अधिक दूर तक नहीं पहुंच पाई और इन्हें दूसरी रात्रि भी छत पर ही गुजारनी पड़ी। बच्चियों के पास जो मोबाइल फोन थे उसके द्वारा उन्होंने प्रथम बार तो अपने परिजनों को सूचित कर दिया, लेकिन बाद में बैटरी डाउन होने के कारण इनके मोबाइल भी बंद हो गए। 

बैराड़ से हर्षिता के परिजनों द्वारा बैराड के युवा पत्रकापर  माखन सिंह धाकड़ को रिवा के इस पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। माखन धाकड़ ने अपने सहकर्मी मीडिया रीवा को बताया, परंतु जब रीवा प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो संवाददाता द्वारा उक्त खबर को चैनल में चलाते हुए प्रशासन को चेताया। जिसके चलते दो दिन और तीन रात्रि बाद उक्त छात्राओं को प्रशासन द्वारा हॉलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।