अहिंसा के सच्चे समर्थक थे मिसाइल मैन डॉ. कलाम: मुनि अभय सागर

शिवपुरी। अहिंसा धर्म के सच्चे समर्थक थे मिसाइल मैन डॉ. कलाम। उन्होनें देष को न केवल विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में उँचाइयों तक पहुचाया वरन स्वयं भी अत्यन्त सामान्य परिवार में जन्म लेने के पष्चात उच्च संस्कारों को ग्रहण करते हुुये भारत के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। उनका असामायिक निधन राष्ट्र के लिये बड़ी क्षती है। उक्त मंगल प्रवचन संत षिरोमणी आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य पूज्य मुनि श्री अभय सागर जी महाराज ने श्री चंद्रप्रभु दिग वर जैन मंदिर पर हुयी विषाल धर्मसभा में दिये।

धर्मसभा को संबोधित करते हुये मुनिश्री ने कहा कि डॉ कलाम वो व्यक्तित्व के वारे मे कहा जा सकता है कि भले ही उनका जन्म किसी भी धर्म में हुआ परंतु उन्होनें भगवान महावीर स्वामी के सिद्वांत अहिंसा, शाकाहार और जीवदया का अक्षरष: पालन किया। जव वो एक जैन साधू के संपर्क में आये तो उन जैन गुरू ने उनसे कहा- पूरी दुनिया आपको मिसाइल मेन के नाम से जानती है परंतु अब हमारा आहवान है आप देष में षांती की मिसाइल बनायें। जिसका असर ये हुआ कि उन्होनें एक पुस्तक लिखी जिसमें जीव दया और अहिंसा और विष्वषांती के बारे में एक पुस्तक लिखी। वो एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिनसे विज्ञान, जीवदया, अहिेंसा, विष्वषांती, षिक्षा और ष्षाकाहार के क्षेत्र में प्रेरणा ली जा सकती है। ऐसा व्यक्तित्व जहाँ भी रहे शांति प्राप्त करे ऐसी मंगल भावना है। धर्मसभा के दौरान पूज्य मुनिश्री प्रभातसागर जी महाराज ने देव शास्त्र और गुरूओं के प्रति सच्ची श्रद्वा-भक्ति और समर्पण रखने की बात कही। वहीं पूज्य मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज ने अपने उद्बोदन में धर्म और गुरूओं से जुडऩे का मार्गदर्षन दिया। धर्मसभा के प्रारंभ में द्वीप प्रज्जवलन एड. गगवाल जी चातुर्मास कमेंटी के संयोजक चौ. अजित जैन, राजकुमार जड़ीबूटी, चन्द्रसेन जैन गंजवाले, प्रकाष जैन, वीरेन्द्र जैन पत्ते वालों ने किया तथा मंगलाचरण रामदयाल जैन ने किया। इसके बाद समस्त जिनालयों के पदाधिकारियों, बाहर के अतिथियों, चातुर्मास कमेंटी के सदस्यों व समस्त संगठनों ने पुज्य मुनिश्री के चरणों में श्रीफल समर्पित किया। धर्मसभा का संचालन राजकुमार जैन राजू भाई ने किया।

आदिनाथ जिनालय पर प्रवचन आज
चातुर्मास प्रचार समिति के दिलीप जैन ने जानकारी देते हुये बताया कि पूज्य मुनित्रय के आज बुधवार के प्रवचन प्रात: 8:30 बजे आदिनाथ जिनालय पर होंगें तथा प्रतिदिन महावीर जिनालय महल कोलोनी पर स्वाध्याय एवं मंगल प्रवचन प्रात: 8:30 पर होंगे। जवकि रविवारिय विशेष प्रवचन दोपहर 2:30 होंगे। साथ ही दोपहर 3 बजे स्वाध्याय तथा शाम 6:15 पर गुरूभक्ति होगी।